क्वेटा: पाकिस्तान के 77वें स्वतंत्रता दिवस से पहले संदिग्ध आतंकवादियों ने बलूचिस्तान प्रांत में राष्ट्रीय ध्वज बेचने वाली एक दुकान और एक घर पर ग्रेनेड से हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। हिंसा प्रभावित बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में मंगलवार को हुए इस हमले की जिम्मेदारी अलगाववादी समूह 'बलूच लिबरेशन आर्मी' ने ली है। कुछ दिन पहले ही इस समूह ने दुकान के मालिक को झंडा ना बेचने और लोगों को 14 अगस्त को छुट्टी ना मनाने की चेतावनी दी थी। पाकिस्तान को 14 अगस्त 1947 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली थी।
छह लोगों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता वसीम बेग ने बताया कि एक दुकान और उसके पास स्थित घर पर किए गए हमले में घायल छह लोगों को भर्ती कराया गया है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के उत्तर-पूर्व में एक सैन्य अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में दिए गए भाषण में आतंकवाद को हराने की प्रतिबद्धता जताई।
अफगानिस्तान से मांगी मदद
असीम मुनीर ने पाक तालिबान के हमलों को रोकने के लिए पड़ोसी देश अफगानिस्तान से सहयोग मांगा। इस बीच, पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में बताया कि आतंकवादियों के एक समूह ने उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान जिले में चार सुरक्षा कर्मियों की हत्या कर दी है। उसने बताया कि सेना की जवाबी कार्रवाई में छह आतंकवादी भी मारे गए हैं।
पहले भी हुए हैं हमले
पाकिस्तान में बीते कुछ सालों में बलूचिस्तान में स्वतंत्रता दिवस पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इससे पहले भी झंडा दुकानों को निशाना बनाया है। साल 2022 और 2023 में भी पाकिस्तानी झंडा बेच रहे लोगों पर हमले हुए थे।
यह भी जानें
बलूचिस्तान में कई लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद वो एक आजाद देश के तौर पर रहना चाहते थे। लेकिन, बिना उनकी मर्जी से उन्हें पाकिस्तान में शामिल कर दिया गया था। ऐसा नहीं हुआ इस वजह से बलूचिस्तान में सेना और लोगों का संघर्ष आज भी जारी है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वाले कई संगठन हैं मगर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी सबसे ताकतवर धड़ा है। (एपी)