संयुक्त राष्ट्र: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स के बढ़ते खतरे को लेकर वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। एमपॉक्स, जिसे मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है, कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है। अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है। WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि WHO अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप पर काम कर रहा है।
'स्वीकार की समिति की सलाह'
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैंने घोषणा की थी कि मैं कांगो और अफ्रीका के अन्य देशों में एमपॉक्स के बढ़ने का मूल्यांकन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत एक आपातकालीन समिति बुला रहा हूं। अब आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि उनके विचार में एमपॉक्स को लेकर जो स्थिति है वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है। मैंने समिति की ओर से दी गई सलाह को स्वीकार कर लिया है।
अफ्रीका से बाहर फैल सकता है एमपॉक्स
टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि पूर्वी कांगो में एमपॉक्स के एक नए समूह का पता लगा है और यह बहुत तेजी से पड़ोसी देशों में भी फैल रहा है। जहां पहले एमपॉक्स को रिपोर्ट नहीं किया गया था वहीं भी अब इसने दस्तक दे दी है। इसके अफ्रीका और उसके बाहर फैलने की संभावना है जो बेहद चिंताजनक है। WHO के महानिदेशक ने कहा कि अफ्रीका के अन्य भागों में एमपॉक्स के बढ़ते खतरे को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है।
काम करने के तैयार है WHO
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कानून के तहत अलार्म का उच्चतम स्तर है। WHO के महानिदेशक ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन आने वाले दिनों और सप्ताहों में वैश्विक प्रतिक्रिया का समन्वय करने, प्रत्येक प्रभावित देश के साथ मिलकर काम करने, संक्रमण को रोकने, संक्रमित लोगों का इलाज करने और जीवन बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांगो में रहे हैं भयावह हालात
बता दें कि, कांगो में एक दशक से अधिक समय से एमपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं और हर साल रिपोर्ट किए जाने वाले मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई थी और इस साल अब तक रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें शामिल हैं। (आईएएनएस)