मुगल शासन के दौरान विकसित हुई उल्लेखनीय कलात्मक और स्थापत्य उपलब्धियां

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https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972

2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।

3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।

4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।

5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।

6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।

7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।

यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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Warrior
सात सो के बाद , देखो आठ सौ के ठाट!!!
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Joined: Mon Jul 29, 2024 8:39 pm

मुगल शासन के दौरान विकसित हुई उल्लेखनीय कलात्मक और स्थापत्य उपलब्धियां

Post by Warrior »

मुगल शासन के दौरान उभरे अद्वितीय कला और वास्तुकला के उपलब्धियों ने भारतीय इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा। इस काल में स्थापत्य और कला के क्षेत्र में जो विकास हुआ, वह न केवल उस समय की रचनात्मकता और तकनीकी कुशलता को दर्शाता है, बल्कि मुगल साम्राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध करता है।

ताजमहल, जो शाहजहाँ के प्रेम का प्रतीक है, मुगल स्थापत्य कला की उत्कृष्टता का सबसे चमकता हुआ उदाहरण है। इसकी सफेद संगमरमर की संरचना और बारीकी से की गई जड़ाई का काम इसे विश्व धरोहर में शामिल करता है। इसके अलावा, लाल किला, फतेहपुर सीकरी, और आगरा का किला भी मुगल वास्तुकला की भव्यता का प्रमाण हैं।

मुगल काल की चित्रकला भी विशेष उल्लेखनीय है। लघुचित्र कला, जिसमें फारसी और भारतीय तत्वों का सम्मिश्रण देखा गया, इस समय के दरबारों में पनपी। जहांगीर के शासनकाल में, प्रकृति और जीव-जंतुओं के चित्रण में विशेष रुचि दिखाई दी, जो मुगल चित्रकला की विशिष्टता को और बढ़ाता है।

कुल मिलाकर, मुगल शासन के दौरान कला और वास्तुकला में हुई उपलब्धियां भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा हैं, जो आज भी अपनी सुंदरता और उत्कृष्टता के कारण पूरे विश्व में प्रशंसा पाती हैं।
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