जेएसडब्ल्यू सीमेंट ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये 4,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शुक्रवार को पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास शुरुआती दस्तावेज दाखिल किए। आईपीओ दस्तावेजों (DRHP) के अनुसार, आईपीओ में 2,000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम शामिल है। इसके अलावा मौजूदा शेयरधारक 2,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (OFS) लाएंगे। नये निर्गम से मिली 800 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल राजस्थान के नागौर में एक नई एकीकृत सीमेंट इकाई की स्थापना के लिए किया जाएगा। इसके अलावा 720 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा। शेष धनराशि का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
4 साल में पानी है इतनी कैपेसिटी
जेएसडब्ल्यू सीमेंट की इस समय दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में उपस्थिति है। कंपनी ने अपने सीमेंट कारोबार की क्षमता को 4 साल में 20.60 एमटीपीए से बढ़ाकर 60 मिलियन टन प्रति वर्ष ले जाने की योजना बनाई है। कंपनी उत्तर और मध्य भारत के बाजारों में कारोबारी विस्तार करना चाहती है।
तीन बिजनेस पहले से हैं लिस्टेड
जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने पहले कहा था कि वह साल 2024 में अपनी सीमेंट यूनिट की लिस्टिंग कराएगी। ग्रुप के ऊर्जा, बंदरगाह और इस्पात पहले से ही लिस्टेड बिजनेस हैं। बंदरगाह वर्टिकल में जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर को कुछ समय पहले ही लिस्ट कराया गया गया था। पिछले साल अगस्त में जेएसडब्ल्यू समूह के उत्तराधिकारी एवं जेएसडब्ल्यू सीमेंट के प्रबंध निदेशक पार्थ जिंदल ने 2024 के लिए सूचीबद्धता योजनाओं को साझा करते हुए कहा था कि आईपीओ से मिलने वाली पूंजी से समूह को अपने 6 करोड़ टन क्षमता के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।