Page 1 of 1

NEET Scam: नीट पेपर लीक केस में CBI का बड़ा ऐक्शन, एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Posted: Thu Jul 18, 2024 7:33 am
by Realrider
NEET-UG Scam: सीबीआई की नीट यूजी पेपर लीक मामले में कार्रवाई जारी है। अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने पटना और हजारीबाग से इस मामले में पंकज कुमार सिंह और राजू सिंह को गिरफ्तार किया है। पंकज पेशे से एक सिविल इंजीनियर है। जब लोहे के ट्रंक में हजारीबाग से पेपर भेजे जा रहे थे तब उसने कथित तौर पर उसने ही पेपर लीक किया था।

नई दिल्ली: NEET-UG पेपर लीक मामले में सीबीआई ने मंगलवार को एक सिविल इंजीनियर समेत दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में पंकज कुमार सिंह उर्फ आदित्य और राजू सिंह हैं। इस मामले में 11 जुलाई को पटना के पास से पकड़े गए आरोपी राकेश रंजन उर्फ रॉकी की तरह सीबीआई ने इनमें से एक पंकज सिंह को भी किंगपिन बताया है। मामले में अभी सीबीआई की तरफ से यह साफ नहीं किया जा रहा है कि आखिर पेपर लीक करने का असल मास्टरमाइंड कौन है? सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में बोकारो के रहने वाले पंकज कुमार सिंह ने 2017 में एनआईटी जमशेदपुर से सिविल इंजीनियरिंग की है।

आरोप है कि इसी ने हजारीबाग से अपने साथी राजू सिंह के साथ एनटीए के पेपर लाने वाले ट्रंक से पेपर चुराए थे। इसके बाद फिर पेपर लीक किए गए। राजू झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है। इस मामले में मसला कई मामलों में उलझता जा रहा है। सीबीआई के सूत्रों ने सबसे पहले नीट-यूजी पेपर लीक के मास्टरमाइंड के तौर पर हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान-उल-हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम की तरफ इशारा किया था। इनमें से प्रिंसिपल के उपर ही बैंक से नीट पेपरों को सेंटर तक लाने की जिम्मेदारी थी। आरोप है कि इन्हीं ने बीच रास्ते में पेपर लीक किए। इनके बाद 11 जुलाई को सीबीआई ने पटना के पास से राकेश रंजन उर्फ रॉकी नाम के एक और शख्स को पकड़ा था।


सीबीआई ने पंकज सिंह को भी किंगपिन बताया
सीबीआई ने रॉकी को भी पेपर लीक मामले का किंगपिन बताया था। अब 16 जुलाई को पटना और हजारीबाग से पकड़े गए इन दोनों आरोपियों में से सीबीआई ने पंकज सिंह को भी किंगपिन बताया है। जबकि अभी तक इस मामले में फरार संजीव मुखिया नाम के एक और आरोपी को भी पेपर लीक का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। लेकिन साफ कुछ नहीं है कि असल में असली मास्टरमाइंड कौन है। इन दो गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अभी तक सीबीआई ने अपने स्तर पर 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई का कहना है कि कई कड़ी मिल रही हैं। अहम सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। इस मामले में तमाम संदिग्ध आरोपियों की गिरफ्तारी कर वह जल्द से जल्द चार्जशीट भी दाखिल करने की कोशिश करेगी। लेकिन मामले में अभी कई एंगल ओपन हो रहे हैं। जिनकी गहन तफ्तीश की जा रही है। तमाम आरोपियों के आपस में एक-दूसरे के साथ कनेक्शन भी देखे जा रहे हैं। क्या पेपर लीक का यह सारा प्रकरण किसी एक के इशारे पर किया गया या फिर अलग-अलग गैंग ने इसे अंजाम दिया।
Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/i ... 788420.cms

Re: NEET Scam: नीट पेपर लीक केस में CBI का बड़ा ऐक्शन, एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Posted: Sat Dec 14, 2024 4:32 pm
by Suman sharma
समझ नहीं आता कि भारत में आए दिन पेपर लीक क्यों होते रहते हैं आखिर क्या मंशा रहती है हमेशा उसके पीछे उसने कई सालों से कई पेपर निरस्त हो जाते हैं कई कोर्ट के दायरे में चले जाते हैं और बच्चे जो हैं डिप्रेशन में चले जाते हैं यह बहुत ही दुखद बात है पर सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि बार-बार पेपर निरस्त न हो

Re: NEET Scam: नीट पेपर लीक केस में CBI का बड़ा ऐक्शन, एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Posted: Sat Dec 14, 2024 8:09 pm
by Sarita
नित स्कैन पेपर लीग मामले में सीबीआई में मंगलवार को एक सिविल इंजीनियर समेत दो और आरोपियां के को गिरफ्तार किया है आरोपीय में पंकज कुमार सिंह आदित्य और राजू सिंह है इस मामले में 11 जुलाई को पटना के पास से पकड़े गई आरोपी राकेश रंजन उर्फ रॉकी की तरह सिंबियर नाम से एक पंकज सिंह को भी कंपनी बताया है मामले में अभी सिंब की तरफ से यह साफ नहीं किया जा रहा है की आखिरी पेपर लीक करने का असल मास्टरमाइंड कौन है सिंब आई के एक अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में बोकारो के रहने वाले पंकज कुमार सिंह ने 2017 में एडवर्टाइज जश्नूपुर से सिविल अंग्रेजों की है

Re: NEET Scam: नीट पेपर लीक केस में CBI का बड़ा ऐक्शन, एक और मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Posted: Sun Jan 26, 2025 3:06 pm
by johny888
आखिर इस तरह की हाई लेवल कम्पटीशन एग्जाम में ये सब हो कैसे जाता है? अगर सच कहे तो इसके पीछे भ्रष्टाचार, लापरवाही और लालच छुपा होता है जो की यह भ्रष्ट अधिकारी, कोचिंग सेंटर, और दलाल करते है। ये लोग पैसे के बदले पेपर लीक करते हैं या परीक्षार्थियों को अनुचित लाभ देते हैं। डिजिटल सुरक्षा की कमी और मजबूत निगरानी न होने के कारण ऐसे घोटालों को अंजाम देना और भी आसान हो जाता है।