Elon Musk के X ने यहां बंद किया अपना कामकाज, स्टाफ की सेफ्टी पर उठाया बड़ा कदम
Posted: Sun Aug 18, 2024 6:56 pm
Source: https://www.indiatv.in/tech/tech-news/e ... 18-1068475माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X (Twitter) शायद ही कभी इतना पॉपुलर रहा हो जितना मस्क की कमान संभालने के बाद है। मस्क जब से एक्स के मालिक बने हैं तब से यह प्लेटफॉर्म किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बना ही रहता है। अब मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के ऑपरेशन्स को एक देश में तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। मस्क के इस फैसले के बाद एक्स फिर से सुर्खियों में छा गया है।
दरअसल एलन मस्क ने ब्राजील देश में एक्स के कामकाज पर रोक लगा दी है। कंपनी की तरफ से यह फैसला ब्राजील सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंडर डी मोरेस के सेंसरशिप आर्डर दिए जाने के बाद लिया गया है। कंपनी का दावा है कि मोरेस X के एक लीगल रिप्रेजेंटेटिव के ऊपर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म से कुछ कॉन्टेंट हटाने के लिए दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने ऐसा न करने पर उसे गिरफ्तार करने की भी धमकी दे रहे थे।
आपको बता दें कि अब एक्स की ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स टीम ने इस पूरे मामले की जानकारी सोशल मीडिया में पोस्ट करके दी। कंपनी ने पोस्ट करते हुए लिखा कि वह अपने स्टाफ की सेफ्टी ब्राजील में तत्काल प्रभाव से अपने कामकाज को बंद करने का फैसला ले रही है। पोस्ट के मुताबिक कंपनी ने ब्राजील में सिर्फ अपने ऑपरेशन्स को बंद किया है। एक्स की सर्विसेस अभी भी देश में शुरू रहेंगी।
इस पूरे मामले में कंपनी के मालिक एलन मस्क की तरफ से भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि ब्राजील में एक्स के ऑफिस को बंद करना बहुत ही मुश्किल फैसला था। एलन मस्क के इस पोस्ट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोरेस एक्स पर सीक्रेट सेंसरशिप और निजी जानकारी उपबल्ध कराने का कितना दबाव डाल रहे थे। मस्क ने अपने पोस्ट में मोरेस को भी मेंशन किया है।
एक्स के मुताबिक ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट में कंपनी के किसी भी मामले में सुनवाई नहीं की गई। इतना ही नहीं ब्राजील के यूजर्स को इसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई है। कंपनी ने मोरेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मालूम होना चाहिए कि ब्राजील में मौजूद एक्स कर्मचारियों के पास प्लेटफॉर्म से कंटेंट हटाने का या फिर ब्लाक करने का अधिकार नहीं होता है, इसके बावजूद कर्मचारियों को लीगल एक्शन की धमकी दी गई।