Raksha Bandhan पर इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी, भाई और बहन के रिश्ते में आएगी मजबूती

कला एवं साहित्य से संबंधित चर्चा के लिए मंच ।
Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024

1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972

2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।

3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।

4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।

5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।

6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।

7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।

यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
Post Reply
Warrior
सात सो के बाद , देखो आठ सौ के ठाट!!!
Posts: 801
Joined: Mon Jul 29, 2024 8:39 pm

Raksha Bandhan पर इस शुभ मुहूर्त में बांधे राखी, भाई और बहन के रिश्ते में आएगी मजबूती

Post by Warrior »

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat: सनातन धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार को बेहद महत्वपूर्ण माना है। सावन पूर्णिमा पर बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और ईश्वर से उनकी दीर्घ आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। ऐसे में भाई अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं। यह रिवाज पुराने समय से चला आ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। इसके बाद रक्षाबंधन का पर्व को मनाया जाता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

भद्रा कब से कब तक रहेगी? (Raksha Bandhan 2024 Bhadra Time)

पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त को भद्रा की शुरुआत सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर होगा।
Raksha Bandhan.jpg
Raksha Bandhan.jpg (58.86 KiB) Viewed 15 times
कब है रक्षाबंधन 2024 (Kab Hai Raksha Bandhan 2024)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 43 मिनट तक है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। आसान शब्दों में कहें तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को देर रात 03 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan Shubh Muhurat)
सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक है। इन दोनों समय में अपनी सुविधा अनुसार, बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।

राखी बांधते समय इस मंत्र के करे जप (Raksha Bandhan Mantra)
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः।

रक्षाबंधन पूजा विधि (Raksha Bandhan Puja Vidhi)
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। इसके बाद प्रभु का अभिषेक करें। मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। अब प्रभु और देवी-देवता को रोली या हल्दी का तिलक लगाएं और राखी बांधे। इसके बाद केले, फल और मिठाई का भोग लगाएं। अंत में अपने भाई का तिलक करें और दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें। भाई को मिठाई खिलाएं। साथ ही प्रभु से उनके जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। अंत में भाई अपनी बहन के पैर स्पर्श करें।
Source: https://www.jagran.com/spiritual/religi ... 80545.html
Post Reply

Return to “कला एवं साहित्य”