Source: https://www.indiatv.in/sports/cricket/k ... 20-1068837Maharaja T20 Trophy: महाराजा टी20 ट्रॉफी में मैसूर वॉरियर्स ने मैंगलोर ड्रैगंस को 27 रनों से हरा दिया है। इस मैच में मैसूर वॉरियर्स के कप्तान करुण नायर ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तूफानी बैटिंग करते हुए बेहतरीन शतक लगाया। उन्होंने लगभग 260 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। करुण नायर की वजह से ही टीम मैच जीतने में सफल रही है।
बेहतरीन शतक से दिलाई जीत
मैच में करुण नंबर तीन पर बैटिंग करने उतरे। उन्होंने सिर्फ 48 गेंदों में ही 124 रन बना डाले, जिसमें 13 चौके और 9 छक्के शामिल थे। उनकी वजह से ही मैसूर वॉरियर्स की टीम 20 ओवर्स में 226 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर पाई। करुण अपने विस्फोटक बैटिंग से सभी का दिल जीतने में सफल रहे। शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड भी मिला।
इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा था तिहरा शतक
साल 2016 में करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाया था। तब उन्होंने भारतीय टीम के लिए 381 गेंदों में 303 रन बनाए थे। वह टीम इंडिया के लिए टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले भारत के वीरेंद्र सहवाग टेस्ट में दो ट्रिपल सेंचुरी लगा चुके हैं।
7 साल से टीम इंडिया में नहीं मिला मौका
करुण नायर को पिछले साल 7 साल से टीम इंडिया में मौका नहीं मिला है। उन्होंने भारत के लिए आखिरी टेस्ट मैच साल 2017 में खेला था। नायर ने अभी तक 7 टेस्ट मैचों में 374 रन बनाए हैं। वहीं उन्होंने टीम इंडिया के लिए 2 वनडे मैच भी खेले हैं, जिसमें 46 रन बनाए हैं। खास बात ये है कि करुण नायर ने अभी तक भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू नहीं किया है।
इस प्लेयर ने सिर्फ 48 गेंद में 124 रन बनाकर जड़ा तूफानी शतक, टीम इंडिया के लिए भी लगा चुका ट्रिपल सेंचुरी
इस प्लेयर ने सिर्फ 48 गेंद में 124 रन बनाकर जड़ा तूफानी शतक, टीम इंडिया के लिए भी लगा चुका ट्रिपल सेंचुरी
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Re: इस प्लेयर ने सिर्फ 48 गेंद में 124 रन बनाकर जड़ा तूफानी शतक, टीम इंडिया के लिए भी लगा चुका ट्रिपल सेंचुरी
क्रिकेट जगत में आईपीएल के आने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के ज्यादातर चेहरों में बदलाव तेजी से आने लगा है और अब इस तरह के काउंटी क्रिकेट से भी रोज नए चेहरे सामने निकल कर आते हैं क्योंकि अक्सर छोटे शहरों की प्रतिभाएं तब जाती है।
पहले भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधिमंडल रणजी और राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता आदि से मूल्यांकन किया करता था लेकिन अब समाज में परिदृश्य बदल गया है और खिलाड़ियों का चयन अब आम जनता करती हैं ना की भारतीय क्रिकेट टीम के कोच या प्रतिनिधिमंडल।
करते तो नो डाउट भारतीय क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों का चयन निश्चित रूप से पहले कौड़ियों के भाव बिकता था जब प्रतिनिधि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के दर्द भरे को बरकरार रखने के लिए और कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य की पकड़ कितनी मजबूत है यह बताता था कि वह अपनी क्षेत्र से कितने लोगों को ला सकता है।
हालांकि अभी कुछ बदला नहीं है समझ में लेकिन फिर भी क्रिकेट में अब हम दर्शन भी तय करते हैं कि कौन बढ़िया खेल रहा है कौन बड़ा खेल रहा है और यह एक नहीं बहुत माध्यमों से भारतीय क्रिकेट बोर्ड और कोच तथा कप्तान को पता चल सकता है जैसे कि किसी के भी ट्विटर पर कितने फॉलोअर हैं फेसबुक पर कितने फॉलोअर हैं उनकी संख्या आधी सीधी उनके बाल को बताने में सक्षम होती है विज्ञापनों में आना लोगों के द्वारा पसंद किया जाना और बहुत अच्छे उम्दा शर्ट खरीद खेलना इसे भी खिलाड़ियों का परिचय दूर-दूर तक फैला है।
पहले भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधिमंडल रणजी और राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता आदि से मूल्यांकन किया करता था लेकिन अब समाज में परिदृश्य बदल गया है और खिलाड़ियों का चयन अब आम जनता करती हैं ना की भारतीय क्रिकेट टीम के कोच या प्रतिनिधिमंडल।
करते तो नो डाउट भारतीय क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों का चयन निश्चित रूप से पहले कौड़ियों के भाव बिकता था जब प्रतिनिधि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के दर्द भरे को बरकरार रखने के लिए और कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य की पकड़ कितनी मजबूत है यह बताता था कि वह अपनी क्षेत्र से कितने लोगों को ला सकता है।
हालांकि अभी कुछ बदला नहीं है समझ में लेकिन फिर भी क्रिकेट में अब हम दर्शन भी तय करते हैं कि कौन बढ़िया खेल रहा है कौन बड़ा खेल रहा है और यह एक नहीं बहुत माध्यमों से भारतीय क्रिकेट बोर्ड और कोच तथा कप्तान को पता चल सकता है जैसे कि किसी के भी ट्विटर पर कितने फॉलोअर हैं फेसबुक पर कितने फॉलोअर हैं उनकी संख्या आधी सीधी उनके बाल को बताने में सक्षम होती है विज्ञापनों में आना लोगों के द्वारा पसंद किया जाना और बहुत अच्छे उम्दा शर्ट खरीद खेलना इसे भी खिलाड़ियों का परिचय दूर-दूर तक फैला है।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"