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संयुक्त परिवार

Posted: Thu Jul 18, 2024 1:49 pm
by LinkBlogs
संयुक्त परिवार

संयुक्त परिवार, बड़ा अनोखा संसार,
प्यार, सहयोग, अपनापन अपार।
दादा-दादी का आशीर्वाद मिलता,
सबके दिलों में प्रेम पनपता।

माँ-पापा, चाचा-चाची,
सबके संग, हँसी की लहरें आती।
भाई-बहन का झगड़ा प्यारा,
सभी का साथ है सबसे न्यारा।

सुख-दुख में सब संग खड़े,
हर मुश्किल को मिलकर लड़े।
संयुक्त परिवार का अद्भुत बंधन,
हर दिल में बसता सच्चा अपनापन।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Sat Oct 26, 2024 2:38 pm
by johny888
संयुक्त परिवार का महत्व हमारे समाज और संस्कृति में बहुत गहरा है। यह न सिर्फ आर्थिक और भावनात्मक सहयोग देता है, बल्कि संस्कार और परंपरा भी सिखाता है। संयुक्त परिवार में बच्चे अपने बड़ों से जीवन के मूल्य सीखते हैं, जिससे उनका नैतिक और सामाजिक विकास होता है।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Sat Oct 26, 2024 3:36 pm
by Stayalive
युवा भारतीयों के बीच संयुक्त परिवार स्थापित करने में कुछ चुनौतियाँ उत्पन्न करने वाले कारक:

1. निजता और व्यक्तिगत स्थान की कमी
2. अलग-अलग पालन-पोषण शैली
3. जीवनशैली और अनुकूलता के मुद्दे
4. आपसी टकराव और ईर्ष्या
5. आधुनिक मीडिया और व्यक्तिवाद का प्रभाव

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Thu Nov 14, 2024 9:40 pm
by Bhaskar.Rajni
संयुक्त परिवार भारत की परंपरा रही है संयुक्त परिवार पुराने जमाने में बहुत बड़े-बड़े परिवार होते थे और आपस में मिलजुल कर घी और शक्कर की तरह रहते थे आपस में कामों को भी बांट लिया जाता था किसी पर अधिक बोझ नहीं पड़ता था एक ही व्यक्ति जो घर में सबसे बुजुर्ग होता था उसी का ही निर्णय सर्वोपरि माना जाता था संयुक्त परिवारों में सहनशक्ति आपस में स्नेह भाव और संस्कार विकसित होते रहते थे जो कि अब एकाकी परिवारों में से गायब हो गए हैं।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Wed Nov 20, 2024 5:26 pm
by Sonal singh
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 9:40 pm संयुक्त परिवार भारत की परंपरा रही है संयुक्त परिवार पुराने जमाने में बहुत बड़े-बड़े परिवार होते थे और आपस में मिलजुल कर घी और शक्कर की तरह रहते थे आपस में कामों को भी बांट लिया जाता था किसी पर अधिक बोझ नहीं पड़ता था एक ही व्यक्ति जो घर में सबसे बुजुर्ग होता था उसी का ही निर्णय सर्वोपरि माना जाता था संयुक्त परिवारों में सहनशक्ति आपस में स्नेह भाव और संस्कार विकसित होते रहते थे जो कि अब एकाकी परिवारों में से गायब हो गए हैं।
संयुक्त परिवार आजकल के समय में देखने को कहां मिलते हैं.। पहले जमाने में लोग एक साथ रहते थे सारे भाई-बहू में बेटियां सास देवरानी जेठानी उसमें सबके बच्चे यह संयुक्त परिवार कहा जाता था। हर दुख में सुख में सब एक साथ खड़े होते थे। एक दूसरे का हाथ बटाते थे। आज शादियों में भाई-भाई साथ में खड़े नहीं होते। दुख सुख तो बहुत दूर की बात है। संयुक्त परिवारों में पहले बच्चों को संस्कार भी बहुत अच्छे दिए जाते थे। और संयुक्त परिवार में बड़े बुजुर्गों का डर भी होता था बच्चों को और बड़ों को भी। राजस्थान में आज भी कुछ गांव ऐसे हैं जहां संयुक्त परिवार के साथ रहते हैं।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Thu Nov 21, 2024 1:47 pm
by Bhaskar.Rajni
Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 5:26 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 9:40 pm संयुक्त परिवार भारत की परंपरा रही है संयुक्त परिवार पुराने जमाने में बहुत बड़े-बड़े परिवार होते थे और आपस में मिलजुल कर घी और शक्कर की तरह रहते थे आपस में कामों को भी बांट लिया जाता था किसी पर अधिक बोझ नहीं पड़ता था एक ही व्यक्ति जो घर में सबसे बुजुर्ग होता था उसी का ही निर्णय सर्वोपरि माना जाता था संयुक्त परिवारों में सहनशक्ति आपस में स्नेह भाव और संस्कार विकसित होते रहते थे जो कि अब एकाकी परिवारों में से गायब हो गए हैं।
संयुक्त परिवार आजकल के समय में देखने को कहां मिलते हैं.। पहले जमाने में लोग एक साथ रहते थे सारे भाई-बहू में बेटियां सास देवरानी जेठानी उसमें सबके बच्चे यह संयुक्त परिवार कहा जाता था। हर दुख में सुख में सब एक साथ खड़े होते थे। एक दूसरे का हाथ बटाते थे। आज शादियों में भाई-भाई साथ में खड़े नहीं होते। दुख सुख तो बहुत दूर की बात है। संयुक्त परिवारों में पहले बच्चों को संस्कार भी बहुत अच्छे दिए जाते थे। और संयुक्त परिवार में बड़े बुजुर्गों का डर भी होता था बच्चों को और बड़ों को भी। राजस्थान में आज भी कुछ गांव ऐसे हैं जहां संयुक्त परिवार के साथ रहते हैं।
केवल राजस्थान ही क्यों भारत के बहुत सारे राज्य ऐसे हैं जहां पर संयुक्त परिवार रहते हैं यह बात अलग है कि शहरों में यह चीज देखने को नहीं मिलती लेकिन गांव में आज भी यह परंपरा है खास करके पंजाब में तो ज्यादातर संयुक्त परिवार ही है क्योंकि वे खेती करते हैं तो जमीन सबकी भाइयों की एक साथ होती है साथ ही रहते हैं मैंने खुद देखा है संयुक्त परिवारों को एक संयुक्त परिवार तो यहां पर 100 लोगों का है लेकिन आप धीरे-धीरे अपने चूल्हे अलग कर लिए हैं लेकिन फिर भी साथ ही रहते हैं।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Thu Nov 21, 2024 9:54 pm
by Gaurav27i
संयुक्त परिवार या की जिसे हम अंग्रेजी में जॉइंट फैमिली के नाम से भी जानते हैं वह आजकल हमारे कला वह हमारे कलर से मिटता जा रहा है इसका मुख्य कारण हम बढ़ती महंगाई लोगों में बढ़ती बढ़ती क्वालिटी वह आने वाली जनरेशन में रिश्तेदारों के प्रति हीन भावना भी कह सकते हैं यूं तो संयुक्त परिवार के बहुत से फायदे हैं पर आजकल की नहीं युवा पीढ़ी शादी के बाद ही अपने मां-बाप से अलग रहना चाहती है तो वह अन्य रिश्तेदारों के साथ क्या ही रहने की सोच पाएंगे इस विषय पर गौर करने की बात है कि यह सोच का कारण हमारी परवरिश वी हमारा एजुकेशन सिस्टम है

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Fri Nov 22, 2024 8:18 pm
by Sonal singh
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 1:47 pm
Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 5:26 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 9:40 pm संयुक्त परिवार भारत की परंपरा रही है संयुक्त परिवार पुराने जमाने में बहुत बड़े-बड़े परिवार होते थे और आपस में मिलजुल कर घी और शक्कर की तरह रहते थे आपस में कामों को भी बांट लिया जाता था किसी पर अधिक बोझ नहीं पड़ता था एक ही व्यक्ति जो घर में सबसे बुजुर्ग होता था उसी का ही निर्णय सर्वोपरि माना जाता था संयुक्त परिवारों में सहनशक्ति आपस में स्नेह भाव और संस्कार विकसित होते रहते थे जो कि अब एकाकी परिवारों में से गायब हो गए हैं।
संयुक्त परिवार आजकल के समय में देखने को कहां मिलते हैं.। पहले जमाने में लोग एक साथ रहते थे सारे भाई-बहू में बेटियां सास देवरानी जेठानी उसमें सबके बच्चे यह संयुक्त परिवार कहा जाता था। हर दुख में सुख में सब एक साथ खड़े होते थे। एक दूसरे का हाथ बटाते थे। आज शादियों में भाई-भाई साथ में खड़े नहीं होते। दुख सुख तो बहुत दूर की बात है। संयुक्त परिवारों में पहले बच्चों को संस्कार भी बहुत अच्छे दिए जाते थे। और संयुक्त परिवार में बड़े बुजुर्गों का डर भी होता था बच्चों को और बड़ों को भी। राजस्थान में आज भी कुछ गांव ऐसे हैं जहां संयुक्त परिवार के साथ रहते हैं।
केवल राजस्थान ही क्यों भारत के बहुत सारे राज्य ऐसे हैं जहां पर संयुक्त परिवार रहते हैं यह बात अलग है कि शहरों में यह चीज देखने को नहीं मिलती लेकिन गांव में आज भी यह परंपरा है खास करके पंजाब में तो ज्यादातर संयुक्त परिवार ही है क्योंकि वे खेती करते हैं तो जमीन सबकी भाइयों की एक साथ होती है साथ ही रहते हैं मैंने खुद देखा है संयुक्त परिवारों को एक संयुक्त परिवार तो यहां पर 100 लोगों का है लेकिन आप धीरे-धीरे अपने चूल्हे अलग कर लिए हैं लेकिन फिर भी साथ ही रहते हैं।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Sun Dec 08, 2024 4:28 pm
by Harendra Singh
संयुक्त परिवार एक बहुत ही खुशहाल परिवार होता है.। जब हमारा संयुक्त परिवार था जब उसमें हम सारे लोग मिलकर रहते थे ताऊ ताई चाचा चाचा उनके बच्चे मम्मी पापा अम्मा बाबा साथ रहते थे। ऐसा लगता था मानो हमारे घर में कोई कार्यक्रम हो रहा हो.। शाम को सब एक साथ खाना खाते थे घर की महिलाएं खाना बनाती थी बच्चे धमा चौकड़ी मचाते थे। काम होते ही सभी बच्चों को हमारे अम्मा बाबा कहानी सुनाया करते थे। चचिया ताई मीठा बनाया करती थी। शाम को जब सब घर के बड़े घर आते थे लौट कर तो कुछ ना कुछ खाने के लिए जरूर लेकर आते थे तो संयुक्त परिवार का तो मजा ही कुछ और था। संयुक्त परिवार रहे कहां अब रिश्ते स्वार्थ के रिश्ते हो गए। अब सबको अपना-अपना परिवार चाहिए से ज्यादा कुछ नहीं।

Re: संयुक्त परिवार

Posted: Tue Dec 10, 2024 8:36 pm
by Anurag Srivastava
जब परिवार की बात होती है तो दिमाग नहीं दिल की बात होती है ,
संयुक्त परिवार ही उपयुक्त होते है परन्तु कई खामियों के कारण एकल परिवार व्यवस्था बढ़ने लगी
नयी पीढ़ी की जब आंखें खुली तो उन्हें संयुक्त परिवार भाने लगा ,वे वहां भी अपना फायदा ही देखते रहें '
जब बात फायदे नुकसान की होगी तो परिवार की धारणा ही व्यर्थ होगी
समर्पण , सहयोग , प्रेम , सुख दुख में साथ का भाव , परिवार की नींव के पत्थर हैं
कहाँ है वो बड़े बुजुर्ग जो घर में आने जाने वाले पर नज़र रखते थे ?
कहाँ है वो बड़े बुजुर्ग जो घर में हर किसी से बात करते रहते थे
कोई खुद को अकेला नहीं महसूस करता था, बच्चे अकेला महसूस करते थे तो दादा दादी के पास बातें करते थे जाकर
कोई दिक्कत होती थी तो दादा दादी को बता देते थे और वो जाकर माँ बाप से बात कर लेते थे अब तो बस एकल परिवार ही देखने को मिलते है पर ढूंढते संयुक्त ही है