नवरात्रि के तीसरे दिन का रंग ग्रे (Grey) होता है, क्योंकि यह दिन माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। माँ चंद्रघंटा दुर्गा माँ के तीसरे रूप में पूजा जाती हैं। इनका स्वरूप अत्यंत शांति और शक्ति से भरपूर होता है। माँ चंद्रघंटा के माथे पर एक घंटा (घंटिका) होता है, जिसे वे युद्ध के समय शत्रुओं का नाश करने के लिए बजाती हैं। इस रूप में माँ अपने भक्तों को हर तरह के डर और भय से मुक्त करती हैं और आंतरिक शांति प्रदान करती हैं।
ग्रे रंग का चुनाव इस दिन के लिए इसलिए किया गया है क्योंकि यह रंग संतुलन, शांति और शुद्धता का प्रतीक होता है। नवरात्रि में हर दिन एक विशेष रंग के माध्यम से एक विशेष गुण या देवता की पूजा की जाती है और ग्रे रंग का चयन इसलिए किया गया है ताकि इस दिन शांति और संयम का महत्व समझाया जा सके।
ग्रे रंग, जहाँ एक ओर शांति और संतुलन का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह आत्मविश्वास और शक्ति के साथ जुड़ा हुआ है, जो माँ चंद्रघंटा की विशेषताओं को व्यक्त करता है। इस दिन पूजा करने से मानसिक शांति और आंतरिक स्थिरता प्राप्त होती है।
नवरात्रि के तीसरे दिन की विशेषताएँ:
- माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है।
- भक्तों को शांति और संतुलन की प्राप्ति होती है।
- मानसिक चिंता और भय से मुक्ति का प्रतीक है ग्रे रंग।
इस प्रकार, नवरात्रि के तीसरे दिन का ग्रे रंग एक सकारात्मक और शांति देने वाला रंग होता है, जो माँ चंद्रघंटा के स्वरूप और उनकी कृपा की ओर इंगीत करता है।