1. जोड़ों के बीच मजेदार बातचीत
पत्नी: तुम हमेशा कहते हो कि मैं बहुत प्यारी हूं, तो फिर तुम मेरी तारीफ क्यों नहीं करते?
पति: क्योंकि जब मैं तुम्हारी तारीफ करता हूं, तुम और भी प्यारी हो जाती हो, और फिर मैं परेशान हो जाता हूं!
2. आधुनिक बच्चे
टीचर: अगर तुम्हारे पास 10 आम हैं और मैं तुमसे 4 आम ले लूं, तो तुम्हारे पास कितने आम बचेंगे?
स्टूडेंट: 10
टीचर: कैसे?
स्टूडेंट: क्योंकि मैं आपको आम नहीं दूँगा!
हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
Re: हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
पति-पत्नी के बीच मजेदार बातचीत से बढ़कर कुछ नहीं.......
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Re: हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
हंसी मजाक का क्षेत्र मुझे काफी पसंद है और यहां मैं अक्सर जाकर चुटकुले आदि पढ़ कर इंजॉय करता हूं और यह मेरा पहला कमेंट इस क्षेत्र में होगा।
पति-पत्नी के बीच हो रहे जोक और बच्चे के नादानी भरे चुटकुले वाकई काबिले तारीफ है जिन पर हंसी आना हर किसी के लिए लाजमी है।
हालांकि चुटकुले पुराने पैटर्न पर बने हुए देखते हैं लेकिन फिर भी इसमें नयापन होने से पढ़ने वाले को काफी हंसी जरूर आएगी।
पति-पत्नी के बीच हो रहे जोक और बच्चे के नादानी भरे चुटकुले वाकई काबिले तारीफ है जिन पर हंसी आना हर किसी के लिए लाजमी है।
हालांकि चुटकुले पुराने पैटर्न पर बने हुए देखते हैं लेकिन फिर भी इसमें नयापन होने से पढ़ने वाले को काफी हंसी जरूर आएगी।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
Re: हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
पत्नी: चुनाव आ गया है, किसको वोट दोगे?
पति: अभी तक सोचा नहीं है।
पत्नी: सोच लो जल्दी, वरना फिर से मैं ही जीत जाऊंगी!
पति: मैंने आज ऑफिस में बहुत बड़ी गलती कर दी।
पत्नी: क्या?
पति: मैंने अपनी बॉस से पूछ लिया था कि वो इतनी सुंदर क्यों लग रही है।
पत्नी: तो फिर उन्होंने क्या कहा?
पति: उन्होंने कहा कि ये सब तुम्हारी बदौलत है।
पति: अभी तक सोचा नहीं है।
पत्नी: सोच लो जल्दी, वरना फिर से मैं ही जीत जाऊंगी!
पति: मैंने आज ऑफिस में बहुत बड़ी गलती कर दी।
पत्नी: क्या?
पति: मैंने अपनी बॉस से पूछ लिया था कि वो इतनी सुंदर क्यों लग रही है।
पत्नी: तो फिर उन्होंने क्या कहा?
पति: उन्होंने कहा कि ये सब तुम्हारी बदौलत है।
Re: हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
"पत्नी: सोच लो जल्दी, वरना फिर से मैं ही जीत जाऊंगी!"
yea hea women material.... ...
yea hea women material.... ...
johny888 wrote: ↑Sun Oct 13, 2024 11:04 am पत्नी: चुनाव आ गया है, किसको वोट दोगे?
पति: अभी तक सोचा नहीं है।
पत्नी: सोच लो जल्दी, वरना फिर से मैं ही जीत जाऊंगी!
पति: मैंने आज ऑफिस में बहुत बड़ी गलती कर दी।
पत्नी: क्या?
पति: मैंने अपनी बॉस से पूछ लिया था कि वो इतनी सुंदर क्यों लग रही है।
पत्नी: तो फिर उन्होंने क्या कहा?
पति: उन्होंने कहा कि ये सब तुम्हारी बदौलत है।
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Re: हंसने की कोशिश मत करो!!!!!!!!!!
वास्तविक चुटकुला:
दिसंबर 2008 में, मैं अपने मित्र अमित निगम के साथ इंदौर से दिल्ली आया, बचपन के मित्र चंदन पाण्डेय जी के रूम पर।
अगले महीने 31 तारीख थी, जेब सबकी खाली। गैस भरवाने को पैसे नहीं...अब क्या किया जाए
पड़ोस में मैरिज हाल में शादी में जाना तय किया गया, संज संवर कर पहुंचा गए हम तीनों।
मित्र चंदन जो पहले से रहते थे, तेज तर्राख बनते हुए रसगुल्ले खाने चले गए, मैं अमित निगम के साथ पानी पूरी खाने लगा।
चंदन जी आएं तिरछी जबान से बताएं कि रसगुल्ला कमाल का है और जोर देते हुए अमित निगम को भी लालच दे दिए रसगुल्ले का।
फिर अमित जी 4 रसगुल्ला लेकर आए लेकिन मैं चाट खाने में व्यस्त था। कुछ हुआ तो चंदन जी ने अमित का हाथ दबाया जिससे अमित भी वाह वाह करने लगे।
फिर मैं भी 3 रसगुल्ला प्लेट में लाया।
ये दोनों मुझे एक टक देख रहे थे की मैं कैसे कब खाऊंगा
दिसंबर में हाथ में रखने पर पता नहीं चला जब पहला रसगुल्ला पूरा मुंह में डाला खौलने चासनी से लबालब रसगुल्ला....तो पूरा जीभ जल गया तब पूरी बात मुझे समझ में आई।
भूख सबको बहुत तेज लगी थी और लाजवाब रसगुल्ला देख के पूरा जलता हुआ रसगुल्ला एक बार में मुंह में डालने पर ना निगलते बने, ना खाते बने।
समय के अभाव में वर–वधु को देखने का मौका नहीं मिला तो आशीर्वाद देना दूर की बात थी। ना ही पता चल पाया की शादी किसकी थी
पेट में अगले दिन भर का स्टॉक रख के हम वापिस चले आए रूम पर। मैं पैकिंग का एक अच्छा विचार भी सोचा जो सबने मना कर दिया की चप्पल पड़ेगा बेटा अब।
उसके बाद सबने कान पकड़ लिया। रात भर वही याद कर कर के खूब हसीं हुई। अभी भी वो रसगुल्ला नहीं भूलता।
दिसंबर 2008 में, मैं अपने मित्र अमित निगम के साथ इंदौर से दिल्ली आया, बचपन के मित्र चंदन पाण्डेय जी के रूम पर।
अगले महीने 31 तारीख थी, जेब सबकी खाली। गैस भरवाने को पैसे नहीं...अब क्या किया जाए
पड़ोस में मैरिज हाल में शादी में जाना तय किया गया, संज संवर कर पहुंचा गए हम तीनों।
मित्र चंदन जो पहले से रहते थे, तेज तर्राख बनते हुए रसगुल्ले खाने चले गए, मैं अमित निगम के साथ पानी पूरी खाने लगा।
चंदन जी आएं तिरछी जबान से बताएं कि रसगुल्ला कमाल का है और जोर देते हुए अमित निगम को भी लालच दे दिए रसगुल्ले का।
फिर अमित जी 4 रसगुल्ला लेकर आए लेकिन मैं चाट खाने में व्यस्त था। कुछ हुआ तो चंदन जी ने अमित का हाथ दबाया जिससे अमित भी वाह वाह करने लगे।
फिर मैं भी 3 रसगुल्ला प्लेट में लाया।
ये दोनों मुझे एक टक देख रहे थे की मैं कैसे कब खाऊंगा
दिसंबर में हाथ में रखने पर पता नहीं चला जब पहला रसगुल्ला पूरा मुंह में डाला खौलने चासनी से लबालब रसगुल्ला....तो पूरा जीभ जल गया तब पूरी बात मुझे समझ में आई।
भूख सबको बहुत तेज लगी थी और लाजवाब रसगुल्ला देख के पूरा जलता हुआ रसगुल्ला एक बार में मुंह में डालने पर ना निगलते बने, ना खाते बने।
समय के अभाव में वर–वधु को देखने का मौका नहीं मिला तो आशीर्वाद देना दूर की बात थी। ना ही पता चल पाया की शादी किसकी थी
पेट में अगले दिन भर का स्टॉक रख के हम वापिस चले आए रूम पर। मैं पैकिंग का एक अच्छा विचार भी सोचा जो सबने मना कर दिया की चप्पल पड़ेगा बेटा अब।
उसके बाद सबने कान पकड़ लिया। रात भर वही याद कर कर के खूब हसीं हुई। अभी भी वो रसगुल्ला नहीं भूलता।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"