Funny but Scary

मौज, मस्ती, चिल मारो (मर्यादित)

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Stayalive
सात सो के बाद , देखो आठ सौ के ठाट!!!
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Funny but Scary

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Funny but true.... :roll: :roll: :roll: :roll:

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Warrior
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Funny but Scary

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Stayalive wrote: Mon Oct 07, 2024 6:48 pm Toys.jpg

Funny but true.... :roll: :roll: :roll: :roll:
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पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: Funny but Scary

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It don't need to be scary always...
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Bhaskar.Rajni
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Funny but Scary

Post by Bhaskar.Rajni »

हां ऐसा होता है कई लोग अपने खिलौनों से अपनी चीजों से बातें करते हैं। मैं अपने पौधों से बातें करती हूं जब भी पौधा कोई लगती हूं तो उसे रहती हूं अपनी जड़ों से मिट्टी को कस के पकड़ कर रहना मजबूती के साथ रहना और खूब फलना फूलना सुबह-सुबह जब मैं अपने पौधों के पास एक चक्कर लगाकर आता हूं तो सब के पत्तों को छोड़-छोड़ कर देखती हूं और उनसे पूछता हूं तुम कैसे हो? और कुछ पौधों पर जब कोई फूल खिलता है तब मैं उसे शाबाश भी बोल कर आती हूं और तब मुझे ऐसा लगता है कि वह भी खुश हो गए है जैसे कि एक छोटा बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसे वेलडन मिलता है वैसे ही।
Sonal singh
अबकी बार, 500 पार?
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Re: Funny but Scary

Post by Sonal singh »

Bhaskar.Rajni wrote: Wed Dec 04, 2024 9:09 am हां ऐसा होता है कई लोग अपने खिलौनों से अपनी चीजों से बातें करते हैं। मैं अपने पौधों से बातें करती हूं जब भी पौधा कोई लगती हूं तो उसे रहती हूं अपनी जड़ों से मिट्टी को कस के पकड़ कर रहना मजबूती के साथ रहना और खूब फलना फूलना सुबह-सुबह जब मैं अपने पौधों के पास एक चक्कर लगाकर आता हूं तो सब के पत्तों को छोड़-छोड़ कर देखती हूं और उनसे पूछता हूं तुम कैसे हो? और कुछ पौधों पर जब कोई फूल खिलता है तब मैं उसे शाबाश भी बोल कर आती हूं और तब मुझे ऐसा लगता है कि वह भी खुश हो गए है जैसे कि एक छोटा बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसे वेलडन मिलता है वैसे ही।
सही कहा दीदी आपने कभी-कभी फनी दुनिया बड़ी अच्छी लगती है लोगों से बातें करना बड़ा अच्छा लगता है चाहे वह पौधे हो खिलौने हो यह किताबें हूं कभी-कभी मनपसंद चीज से ऐसा गहरा रिश्ता हो जाता है निर्जीव चीज भी जीवित लगने लगते हैं। पौधे तो वैसे भी अपने बच्चों के समान होते हैं उनसे जितना बात है करो वह उतना ही करीब आते रहते हैं अकेलापन भी नहीं लगता।
Sarita
अबकी बार, 500 पार?
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Re: Funny but Scary

Post by Sarita »

हां ऐसा होता है जैसे कि बेसिकली गर्ल्स जो कि अपने खिलौने में जान छिड़कती है डॉल्स में किया यह इसके साथ ही सॉन्ग और मित्तल बहुत प्यारी है प्यारी है और फिर बाद में जाकर पता चलता है उसके घर के लोगों को मारने वाले और कोई नहीं उसकी वही प्यारी सी डॉल थी जिसके साथ
johny888
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
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Re: Funny but Scary

Post by johny888 »

Sonal singh wrote: Wed Dec 04, 2024 2:09 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Wed Dec 04, 2024 9:09 am हां ऐसा होता है कई लोग अपने खिलौनों से अपनी चीजों से बातें करते हैं। मैं अपने पौधों से बातें करती हूं जब भी पौधा कोई लगती हूं तो उसे रहती हूं अपनी जड़ों से मिट्टी को कस के पकड़ कर रहना मजबूती के साथ रहना और खूब फलना फूलना सुबह-सुबह जब मैं अपने पौधों के पास एक चक्कर लगाकर आता हूं तो सब के पत्तों को छोड़-छोड़ कर देखती हूं और उनसे पूछता हूं तुम कैसे हो? और कुछ पौधों पर जब कोई फूल खिलता है तब मैं उसे शाबाश भी बोल कर आती हूं और तब मुझे ऐसा लगता है कि वह भी खुश हो गए है जैसे कि एक छोटा बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसे वेलडन मिलता है वैसे ही।
सही कहा दीदी आपने कभी-कभी फनी दुनिया बड़ी अच्छी लगती है लोगों से बातें करना बड़ा अच्छा लगता है चाहे वह पौधे हो खिलौने हो यह किताबें हूं कभी-कभी मनपसंद चीज से ऐसा गहरा रिश्ता हो जाता है निर्जीव चीज भी जीवित लगने लगते हैं। पौधे तो वैसे भी अपने बच्चों के समान होते हैं उनसे जितना बात है करो वह उतना ही करीब आते रहते हैं अकेलापन भी नहीं लगता।
बिलकुल सही कहा आपने! जब मनपसंद चीजों से दिल लग जाता है, तो वो वाकई में अपनी सी लगने लगती हैं। कभी-कभी तो लगता है कि किताबें हमें घूरकर कह रही हों, "अब तो खोल लो यार!" और पौधे ऐसे नखरे दिखाते हैं जैसे पानी न देने पर नाराज़ हो जाएं।
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