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हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का वोट पर्सेंटेज लगभग बराबर, फिर सीटों में इतना बड़ा अंतर क्यों?

Posted: Tue Oct 08, 2024 6:53 pm
by Stayalive
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं। इस चुनाव में 90 सीटों में से 49 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है और कांग्रेस पिछड़ गई है। वह केवल 36 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। अन्य 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। हालांकि फाइनल नतीजे सामने आने के बाद ये आंकड़ा बदल सकता है।
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ये नतीजे इसलिए चौंकाने वाले हैं क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी पीछे दिखाई दे रही थी और कांग्रेस बढ़त बनाते हुए दिख रही है। लेकिन आज सुबह से जब चुनाव के नतीजे सामने आना शुरू हुआ तो हर कोई दंग रह गया। बीजेपी ने चौंकाने वाली बढ़त बनाई और हरियाणा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

वोट प्रतिशत लगभग बराबर
खबर लिखे जाने तक दोनों ही पार्टियों के अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो वह लगभग बराबर नजर आ रहा है, ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि फिर सीटों में इतना अंतर क्यों है, जहां बीजेपी शानदार बढ़त बनाए हुए दिख रही है, वहीं कांग्रेस पीछे नजर आ रही है।

कितना है वोट प्रतिशत?
खबर लिखे जाने तक चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, बीजेपी का वोट प्रतिशत 39.88 दिखाई दे रहा है। उसे कुल 55,09,832 वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस का वोट प्रतिशत 39.07 दिखाई दे रहा है। उसे कुल 5,39,7582 वोट मिले हैं। अन्य दलों की स्थिति बहुत खास नहीं है।

ये हो सकते हैं कारण
  • इसका एक कारण ये नजर आ रहा है कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को उनकी सीट पर वोट ज्यादा मिला है और कई जगह पर वह बहुत कम वोटों के अंतर से हारे हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग बराबर दिखाई दे रहा है।
  • वहीं बीजेपी के नेता कई जगहों पर बड़े अंतर से नहीं जीते हैं। उन्हें मामूली अंतर से ही जीत हासिल हुई है। ऐसे में वोट प्रतिशत कांग्रेस से बराबर दिखाई दे रहा है।


चुनाव परिणाम पर सीएम नायब सैनी का पहला बयान सामने आया

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा है कि काउंटिंग जारी है और हमें पूर्ण विश्वास है कि हरियाणा में हमने 10 साल में जो सेवा की है मैं उस आधार पर कह सकता हूं कि हम तीसरी बार हरियाणा में एकतरफा सरकार बना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार हरियाणा की सेवा के लिए तैयार है। क्योंकि केंद्र में नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं और हमने 10 सालों से पीएम मोदी के नेतृत्व में हरियाणा में ईमानदारी और तेज गति से विकास कार्य किया है और समस्याओं का समाधान किया है। आगे भी हम मजबूती और ईमानदारी से हरियाणा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
Source: https://www.indiatv.in/haryana/haryana- ... 08-1081582

Re: हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का वोट पर्सेंटेज लगभग बराबर, फिर सीटों में इतना बड़ा अंतर क्यों?

Posted: Wed Oct 09, 2024 11:01 am
by Warrior
Vote share in haryana...

BJP - 39.88%
Cong - 39.07%

Almost equal..

Meanwhile, the SON OF SOIL Arvind Kejriwal's 'Aam Aadmi Party' got 1.79% in Haryana election…

Shall we conclude, Kejriwal is the reason for BJP’s victory in Haryana???


:lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol:

Re: हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का वोट पर्सेंटेज लगभग बराबर, फिर सीटों में इतना बड़ा अंतर क्यों?

Posted: Fri Oct 11, 2024 2:17 pm
by manish.bryan
कांग्रेस और बीजेपी के बीच में लगभग बराबरी कि मुकाबले में सिर्फ एक परसेंट अधिक वोट बैंक के चलते भाजपा ने बाजी मार ली है और वही आम आदमी पार्टी शिरोमणि अरविंद केजरीवाल को बहुत सारे विधायक की प्रत्याशी के जमानत जप्त होने से आम आदमी पार्टी को एक दूसरे राज्य में ले जाने का मौका कमाते हुए देखा जा सकता है।

इससे पहले गुजरात के चुनाव में अरविंद केजरीवाल 2–2 कर चुके हैं और उनको सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। बीजेपी खेमा हरियाणा में लगातार तीसरी बार की हैट्रिक मारकर काफी खुश है और ट्विटर पर जलेबी एक्सचेंज प्रोग्राम के वीडियो को लोगों की तरफ से काफी सराहना भी मिल रहा है।

कांग्रेस का प्रत्याशी रूप से लगभग मुकाबले में कड़ी की टक्कर दी है जिसे वह अगले लोकसभा चुनाव में और विधानसभा चुनाव में बुढ़ाना अवश्य चाहेंगे।

Re: हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी का वोट पर्सेंटेज लगभग बराबर, फिर सीटों में इतना बड़ा अंतर क्यों?

Posted: Fri Oct 25, 2024 5:02 pm
by johny888
समान वोट प्रतिशत का मतलब यह नहीं है कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में वोट समान रूप से बंटे हैं। यदि बीजेपी के वोट कुछ विशेष सीटों पर केंद्रित हैं और कांग्रेस के वोट अधिक सीटों में फैले हुए हैं, तो सीटों की संख्या के मामले में बीजेपी को लाभ मिल सकता है। और जब कई अन्य डालो कई जईसे की जेजेपी या इनेलो का कांग्रेस के मतदाताओं पर अधिक प्रभाव होता है, तो कांग्रेस के वोट कई हिस्सों में बंट सकते हैं। यह विभाजन कांग्रेस का कुल वोट प्रतिशत बढ़ा सकता है, लेकिन सीटें जीतने की संभावना को कम कर देता है।