बात तो सही है पर्सनल ग्रोथ ही तो है अभी यह बात अलग है कि वह ग्रंथ वजन में हो गई है ग्रोथ तो फिर आखिर ग्रोथ ही है चाहे किसी भी क्षेत्र में क्यों ना की गई हो। दुबले पतले लोगों से पूछा जाए बढ़ते वजन की खुशी वे कितनी खुश होते हैं मेरा 1 किलो वजन बढ़ गया और एक मोटा आदमी उससे पूछो वजन घटने की खुशी वह 200 ग्राम कम होने पर ही खुश हो जाता है और खुश होकर 200 ग्राम वजन बढ़ा लेता है।