बादलों में छुपा सूरज
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1795
- Joined: Tue Jul 16, 2024 8:47 pm
बादलों में छुपा सूरज
बादलों की ओट में छिपा,
सूरज मंद-मंद मुस्काए।
जैसे कोई शर्मीली किरण,
धीरे-धीरे झलक दिखाए।
आकाश का नीला आँचल,
बादलों से भर जाता है,
परछाई बन, सूरज छुपकर,
अपनी किरणें लहराता है।
रौशनी की चाह में धरती,
उसके दर्शन को तरसे,
और वो चुपके से छुपकर,
अपने खेल में खो जाए।
पर ये छुपना भी प्यारा है,
एक झलक का इंतज़ार,
फिर बादलों को चीरता वो,
उजालों का करे प्रहार।
हर छुपने के बाद, सदा,
वो लौटकर फिर आता है,
बादलों के संग खेल-खेल में,
अपना राज़ छिपाता है।
सूरज मंद-मंद मुस्काए।
जैसे कोई शर्मीली किरण,
धीरे-धीरे झलक दिखाए।
आकाश का नीला आँचल,
बादलों से भर जाता है,
परछाई बन, सूरज छुपकर,
अपनी किरणें लहराता है।
रौशनी की चाह में धरती,
उसके दर्शन को तरसे,
और वो चुपके से छुपकर,
अपने खेल में खो जाए।
पर ये छुपना भी प्यारा है,
एक झलक का इंतज़ार,
फिर बादलों को चीरता वो,
उजालों का करे प्रहार।
हर छुपने के बाद, सदा,
वो लौटकर फिर आता है,
बादलों के संग खेल-खेल में,
अपना राज़ छिपाता है।
Tags:
Re: बादलों में छुपा सूरज
बादलों में छुपा सूरज पर एक और कविता प्रस्तुत है
धूप छनती थी, चमकती थी धरती,
अचानक छा गए बादल, मन हुआ घबराया।
सूरज छिप गया, मानो शर्माया,
अंधेरा छा गया, मन हुआ उदास।
बूंदें बरसने लगीं, धरती को सींचती हुईं,
फूल मुस्कुरा उठे, मानो नहा रहे हों।
बादल हटने लगे, सूरज निकला,
धरती चमक उठी, मानो नया जीवन मिला।
कितना सुंदर लगता है यह नजारा,
बादलों और सूरज का यह खेल,
प्रकृति का यह चमत्कार।
धूप छनती थी, चमकती थी धरती,
अचानक छा गए बादल, मन हुआ घबराया।
सूरज छिप गया, मानो शर्माया,
अंधेरा छा गया, मन हुआ उदास।
बूंदें बरसने लगीं, धरती को सींचती हुईं,
फूल मुस्कुरा उठे, मानो नहा रहे हों।
बादल हटने लगे, सूरज निकला,
धरती चमक उठी, मानो नया जीवन मिला।
कितना सुंदर लगता है यह नजारा,
बादलों और सूरज का यह खेल,
प्रकृति का यह चमत्कार।
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1001
- Joined: Sun Nov 10, 2024 9:39 pm
Re: बादलों में छुपा सूरज
बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
-
- अबकी बार, 500 पार?
- Posts: 450
- Joined: Mon Nov 18, 2024 3:19 pm
Re: बादलों में छुपा सूरज
बादलों में छुपा सूरज सबसे ज्यादा कष्ट सर्दियों में देता है. निकलता ही नहीं है। ऐसा लगता है कि सर्दियों में सूरज अपनी खूबसूरती को छुपाता है। और हम लोगों क़ो चिड़ाता है। करवा चौथ वाले दिन नखरे दिखाता है। गर्मियों में सूरज अपना क्रोध दिखता है। हम ही को जलाता है। सूरज के अपने ही जलते हैं। जब मन करें निकलता है जब मन करें चला जाता है।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:49 pm बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1001
- Joined: Sun Nov 10, 2024 9:39 pm
Re: बादलों में छुपा सूरज
सूरज ही तो सबसे ज्यादा पावरफुल है और पावरफुल व्यक्ति नखरे तो दिखता ही है जब उसका मन करेगा निकलेगा जब मन करेगा नहीं निकलेगा उसे पर कोई कर थोड़े चलता है। कभी-कभी मुझे लगता है आदमी को कहीं संतुष्टि ही नहीं है जब गर्मियों में सूरज गर्मी देता है तब इंसान उसे कहता है इतनी गर्मी कर रखी है और सर्दियों में जब नहीं उगता तब इंसान कहता है और उगता ही नहीं।भाई वो तो अपने मौसम के हिसाब से चलता है ना आपके मुताबिक थोड़े चलेगा कि भाई जरा कपड़े गीले हैं जरा निकलो, कपड़े सूख जाएंगे।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 3:01 pmबादलों में छुपा सूरज सबसे ज्यादा कष्ट सर्दियों में देता है. निकलता ही नहीं है। ऐसा लगता है कि सर्दियों में सूरज अपनी खूबसूरती को छुपाता है। और हम लोगों क़ो चिड़ाता है। करवा चौथ वाले दिन नखरे दिखाता है। गर्मियों में सूरज अपना क्रोध दिखता है। हम ही को जलाता है। सूरज के अपने ही जलते हैं। जब मन करें निकलता है जब मन करें चला जाता है।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:49 pm बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1003
- Joined: Tue Nov 19, 2024 5:59 pm
Re: बादलों में छुपा सूरज
सूरज छिपा बादल में
प्रकाश हुआ ओझल,
पल भर के लिए अंधकार का साया
सूरज पर बादल मंडराया,
कभी कभी प्रकृति का संदेश
इंसानों को करती सचेत,
हर शक्तिमान को समय चक्र
के आगे झुकने का देती संदेश,
एक अदद बादल भी सूरज को ढक सकता है
प्रकाश पुंज के महाकुंड को भी ढक सकता है
फिर कोई भी शक्तिमान समय
के आगे तुच्छ समझ,
अपने अहंकार को त्याग
नम्र भी बन झुक सकता है
प्रकाश हुआ ओझल,
पल भर के लिए अंधकार का साया
सूरज पर बादल मंडराया,
कभी कभी प्रकृति का संदेश
इंसानों को करती सचेत,
हर शक्तिमान को समय चक्र
के आगे झुकने का देती संदेश,
एक अदद बादल भी सूरज को ढक सकता है
प्रकाश पुंज के महाकुंड को भी ढक सकता है
फिर कोई भी शक्तिमान समय
के आगे तुच्छ समझ,
अपने अहंकार को त्याग
नम्र भी बन झुक सकता है
-
- अबकी बार, 500 पार?
- Posts: 450
- Joined: Mon Nov 18, 2024 3:19 pm
Re: बादलों में छुपा सूरज
आप सर्दियां आ गई है अब बादलों में सूरज छुआ ही रहेगा ताकि आपके कपड़े ना सुख पाए गर्मियों में आग उगलता है ताकि हम गर्मी में पिघल जाएं मैं तो पानी से भी डर लग रहा है क्योंकि सूरज छप चुका है बादलों में दिखाई देने से भी दिखाई नहीं देगा सर्दी का शीत लहर जारी है क्या कर सकते हैं चांद छुपा बादल में बादलों में छुपा चंद दोनों में बड़ा अंतर है गर्मियों में पता नहीं क्या हो जाता है गर्मियों में छुपाना छुपी खेलना बंद कर देता है सूरजBhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 5:45 pmसूरज ही तो सबसे ज्यादा पावरफुल है और पावरफुल व्यक्ति नखरे तो दिखता ही है जब उसका मन करेगा निकलेगा जब मन करेगा नहीं निकलेगा उसे पर कोई कर थोड़े चलता है। कभी-कभी मुझे लगता है आदमी को कहीं संतुष्टि ही नहीं है जब गर्मियों में सूरज गर्मी देता है तब इंसान उसे कहता है इतनी गर्मी कर रखी है और सर्दियों में जब नहीं उगता तब इंसान कहता है और उगता ही नहीं।भाई वो तो अपने मौसम के हिसाब से चलता है ना आपके मुताबिक थोड़े चलेगा कि भाई जरा कपड़े गीले हैं जरा निकलो, कपड़े सूख जाएंगे।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 3:01 pmबादलों में छुपा सूरज सबसे ज्यादा कष्ट सर्दियों में देता है. निकलता ही नहीं है। ऐसा लगता है कि सर्दियों में सूरज अपनी खूबसूरती को छुपाता है। और हम लोगों क़ो चिड़ाता है। करवा चौथ वाले दिन नखरे दिखाता है। गर्मियों में सूरज अपना क्रोध दिखता है। हम ही को जलाता है। सूरज के अपने ही जलते हैं। जब मन करें निकलता है जब मन करें चला जाता है।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:49 pm बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
-
- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
- Posts: 436
- Joined: Tue Dec 10, 2024 6:54 am
Re: बादलों में छुपा सूरज
अमल धवल गिरि के शिखरों पर,
बादल को घिरते देखा है।
छोटे-छोटे मोती जैसे
उसके शीतल तुहिन कणों को
मानसरोवर के उन स्वर्णिम
कमलों पर गिरते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
तुंग हिमालय के कंधों पर
छोटी बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों से आ-आकर
पावस की ऊमस से आकुल
तिक्त-मधुर बिषतंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
छोटे-छोटे मोती जैसे
उसके शीतल तुहिन कणों को
मानसरोवर के उन स्वर्णिम
कमलों पर गिरते देखा है,
बादल को घिरते देखा है।
तुंग हिमालय के कंधों पर
छोटी बड़ी कई झीलें हैं,
उनके श्यामल नील सलिल में
समतल देशों से आ-आकर
पावस की ऊमस से आकुल
तिक्त-मधुर बिषतंतु खोजते
हंसों को तिरते देखा है।
बादल को घिरते देखा है।
-
- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
- Posts: 436
- Joined: Tue Dec 10, 2024 6:54 am
Re: बादलों में छुपा सूरज
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:49 pm बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाज़े-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
-
- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
- Posts: 436
- Joined: Tue Dec 10, 2024 6:54 am
Re: बादलों में छुपा सूरज
आज है तो कल है, जल है तो जीवन हैSonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 3:01 pmबादलों में छुपा सूरज सबसे ज्यादा कष्ट सर्दियों में देता है. निकलता ही नहीं है। ऐसा लगता है कि सर्दियों में सूरज अपनी खूबसूरती को छुपाता है। और हम लोगों क़ो चिड़ाता है। करवा चौथ वाले दिन नखरे दिखाता है। गर्मियों में सूरज अपना क्रोध दिखता है। हम ही को जलाता है। सूरज के अपने ही जलते हैं। जब मन करें निकलता है जब मन करें चला जाता है।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:49 pm बादलों में छुपा सूरज
चांद से भी अधिक खूबसूरत लगता है
आकाश में रंगों की छटा बिखेर हुआ
वह बिल्कुल तेरे जैसा लगता है।
बादलों में छुपा सूरज
जैसे तू झूठ से रूठ जाए
मैं बार-बार मनाऊं तुझको
तेरा वह रूप भाये मुझको
गम है तो खुशी है, आत्मा है तो शरीर है,
सच है तो झूठ भी है, जैसा भी हो, ये जीवन है
रंग जीवन के अनेक हैं, ख़्वाब बुनता है सुजीत
अमन ए चैन का,न जाने क्या हो गया है जमाने को
बेचैन है सबके सब यहाँ, रक्त का दरिया बहाने को