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शनिवार और रविवार का मज़ा

Posted: Sat Nov 02, 2024 7:38 am
by Stayalive
वीकेंड आया, दिल में खुशी की बात,
काम की दुनिया से मिली थोड़ी राहत की रात।
सोचा थोड़ा आराम, करें मस्ती का जश्न,
लेकिन फिर याद आया, बर्तन भी हैं मेरे बचन!

सोफे पर बैठा, चिप्स की बैग ली,
टीवी खोला, तो मस्त कॉमेडी चलने लगी।
फिर देखा बाहर, धूप में सब धूम,
बाहर जाने का मन, पर स्लीपिंग बैग है मुझ पर चूम!

दोस्तों का फोन आया, “चल घूमने चलें!”
मैंने कहा, “पहले तो यह सोफे की रौनक बढ़ा लें।”
आखिरकार निकला, बूट पहनकर हिम्मत जुटाई,
पर घुमने की जगह, बर्गर की दुकान की फेहरिस्त बनाई!

वीकेंड का दिन, पर नींद भारी भारी,
सोचा चलूं पार्क, लेकिन चादर कहती, “तू तो प्यारी!”
फिर बेठा टीवी के सामने, एक नई फिल्म चल रही,
वीकेंड की मस्ती में, खुद को ही भुला रही।

बस ऐसे ही गुजरा, ये वीकेंड का दिन,
मस्ती, आराम और थोड़ा सा आलस्य,
क्या करें, यही है हमारी मस्त जिंदगी,
वीकेंड की खुशियों में, कभी नहीं होता कष्ट की!

Re: शनिवार और रविवार का मज़ा

Posted: Sat Nov 02, 2024 7:45 am
by Warrior
arey , yah maza keval 24 ghante tak rahega, baakee ke ghante agale 5 weekdays ko kaise bitaana hai, is baare mein sochane mein gujarenge.

😭😭😭😭😭😭😭😭

Re: शनिवार और रविवार का मज़ा

Posted: Mon Nov 11, 2024 12:16 pm
by johny888
ये तो सही है भाई शनिवार का दिन इतना अच्छा लगता है जैसे इससे अच्छा दिन और कोई ना हो क्युकी हमे पता होता है आज जितना भी काम हो करलो शाम को अब वो करना जो हम खुद चाहते है क्युकी दूसरे दिन दिनभर आराम फरमाना है। पर जैसे ही संडे शाम आती है सोमवार दिन का दर परेशान करने लगता है।