बांगलादेश एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने देश में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
धाका ट्रिब्यून के अनुसार, बुधवार को एक कानूनी नोटिस जारी किया गया, जिसमें इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने और वकील की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई। खबर के अनुसार, यह नोटिस 10 वकीलों द्वारा गृह मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय और पुलिस महानिरीक्षक को भेजा गया है। इसमें इस्कॉन पर एक कट्टरपंथी समूह होने और सांप्रदायिक अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया है। बीबीसी बांग्ला के अनुसार, स्टूडेंट मूवमेंट के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने इस्कॉन को 'आतंकी समूह' कहा और इसे प्रतिबंधित करने की मांग की।
अब्दुल्ला ने कहा, “हमारे देश में सभी धर्म मिलजुल कर रहते हैं। हम सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करेंगे। लेकिन धर्म के नाम पर सक्रिय चरमपंथी संगठनों को बांग्लादेश में एक इंच भी जगह नहीं मिलेगी। सैफुल्ला की बेरहमी से हत्या की गई थी। इस्कॉन को आतंकी समूह के रूप में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।”
चिटगाँव, बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
चिन्मय कृष्ण दास को जेल भेजे जाने के अलावा, 32 वर्षीय वकील सैफुल इस्लाम की चिटगाँव अदालत परिसर में मंगलवार को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की जेल भेजे जाने पर आपत्ति जताई और इसे बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर चरमपंथी हमलों से जोड़ा।
इसके जवाब में बांग्लादेश ने कहा कि भारत उसके आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।
बांगलादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी, छात्र नेता ने दी चेतावनी।
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Re: बांगलादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी, छात्र नेता ने दी चेतावनी।
इस मांग के पीछे कट्टरपंथी विचारधाराओं का प्रभाव अधिक दिखाई देता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और बहुलतावाद के लिए चुनौती पेश कर सकता है। हालांकि, बांग्लादेश सरकार ने अभी तक इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया है और मामले को संतुलन के साथ संभालने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह घटना देश में अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जरूर पैदा करती है।
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Re: बांगलादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी, छात्र नेता ने दी चेतावनी।
चिन्मय कृष्ण दास को जेल भेजे जाने को लेकर भारत द्वारा की गई आपत्ति बिल्कुल जायज है। दूसरे देशों में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जब भी कोई हमला होता है तो उनके धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता अवश्य पैदा होती है। किसी भी देश में चाहे वहां अल्पसंख्यक ही क्यों ना हो उसे धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार मिलना ही चाहिए। और यदि भारत हिंदुओं को लेकर कोई ठोस कदम उठाता है या आपत्ति जाहिर करता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है।
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Re: बांगलादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी, छात्र नेता ने दी चेतावनी।
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद तनाव का माहौल है. इसे लेकर वहां के छात्र संगठन ने भारत पर निशाना साधा है. संगठन का कहना है कि इस्कॉन के जरिए बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है