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जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Wed Dec 04, 2024 10:50 am
by Stayalive
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"मैं उम्र में बड़ा हो सकता हूँ, लेकिन मेरी माँ के साथ मेरा व्यवहार कभी नहीं बदलेगा।"

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Wed Dec 04, 2024 3:54 pm
by Sonal singh
जब हम छोटे थे जब हमारी मम्मी बाजार जाती थी तो हमारे लिए कुछ ना कुछ लेकर आई थी चाहे वह खिलौने हो या खाने की चीज हो तो हम हमेशा उनका इंतजार करते रहते थे। आज भी माँ जब बाजार जाती हैं तो अपने-अपने बच्चों को लालच देकर जाती हैं तू थोड़ी देर यही खेल मैं तेरे लिए बाजार से खिलौने लाऊंगी और खूब सारी जलेबी लाऊंगी और समोसा लाऊंगी। तो बच्चा घर में रुक जाया करता था। माँ की यह बातें आज भी याद आती हैं।

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Wed Dec 04, 2024 6:33 pm
by Realrider
समझना कभी आसान नहीं, इस रिश्ते को,
माँ और बेटे का रिश्ता, है एक अनमोल खजाना।
हर जीवन में सबसे खास, सबसे प्यारा,
माँ और बेटे का अनगिनत प्यार।

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Sun Dec 08, 2024 2:22 pm
by Harendra Singh
Realrider wrote: Wed Dec 04, 2024 6:33 pm समझना कभी आसान नहीं, इस रिश्ते को,
माँ और बेटे का रिश्ता, है एक अनमोल खजाना।
हर जीवन में सबसे खास, सबसे प्यारा,
माँ और बेटे का अनगिनत प्यार।
माँ का नाम वह अक्षर है, जो एक कविता में दृश्यित होती है।"
"माँ होती है वो जन्नत की तस्वीर, जहाँ प्यार का कोई सीमा नहीं होती।"
"माँ की गोद में छिपा है सारा जहां, वहाँ सुकून मिलता है और हमेशा आनंदित रहता है।"
"माँ का दुलारा सूरज की तरह होता है, जो हमेशा चमकता रहता है❤️❤️❤️❤️

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 12:32 am
by Anurag Srivastava
हम वो आखिरी पीढ़ी ही जो मां के घर लौटते ही जो चाहते है वो मिल जाता है
क्योंकि हमारी मां कुछ नहीं जानती वो सिर्फ प्यार करती है
बाकी आने वाली पीढ़ी की मां सब जानती है सिवा परिवार के डिजिटल युग है जनाब इंस्टाग्राम से फुर्सत मिले तो खुद का ग्राम नजर आए

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 6:27 am
by Harendra Singh
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माँ तो माँ होती है
Pooja Garg Pooja Garg
Mere Alfaz
कहते हैं सब, माँ तो माँ होती है,
नहीं मिला कोई जवाब,
माँ क्यों ऐसी होती है,
खुश होते हैं हम, तो माँ हँसती है,
अगर रोते हैं हम तो,आँखें नम माँ की होती है,
नहीं कोई रिश्ता माँ के जैसा दुनिया में,
हम में ही कहीं, दुनियाँ माँ की होती है,
माँ तो माँ होती है,

देखा पूरा जहाँ कहीं नहीं मिला प्यार माँ के बराबर,
बहती चारों ओर उसके,मातृत्व की अमृत रस धार,
मतलब से है हर रिश्ता इस संसार में,
जब बड़ा हुआ बेटा छोड़ दिया उसने, माँ को बीच मझधार में,
उसी बेटे की हँसी में, खुशियाँ माँ की होती है,
माँ तो माँ होती है,

सुबह निकलता है जब बेटा घर से, तो लाख दुआएँ उसको देती है,
सारी बलाएँ उसकी अपने सर ले लेती है,
अगर नहीं आये देर रात तक बेटा घर, तो चैन से कहाँ माँ सोती है,
माँ तो माँ होती है,

नौ महीने रखा जिसने कोख में, छोड़ दिया बिलखते उसको हमने शोक में,
रो दिया दिल माँ की बेबसी पर, फिर भी माँ हमारे लिये कितना सहती है,
होते हैं किस्मत वाले, जिनकी माँ होती है,
माँ तो माँ होती है,

नहीं देते स्थान भगवान भी अपने चरणों में, जिसके कारण माँ रोती है,
कर देती है हमारे हर गुनाह को माफ, अपनी संतान में जान उसकी होती है,
जो कर सके वर्णन माँ का, इतनी शक्ति कहाँ शब्दों में होती है,
लाख सोचा क्या लिखू मैं उसके बारे में,
लिख सकी मैं बस इतना ही माँ के बारे में,
जब लगे चोट तो, मुख से निकली आवाज माँ होती है,
माँ तो बस माँ होती है,

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 6:32 am
by Harendra Singh
Anurag Srivastava wrote: Tue Dec 10, 2024 12:32 am हम वो आखिरी पीढ़ी ही जो मां के घर लौटते ही जो चाहते है वो मिल जाता है
क्योंकि हमारी मां कुछ नहीं जानती वो सिर्फ प्यार करती है
बाकी आने वाली पीढ़ी की मां सब जानती है सिवा परिवार के डिजिटल युग है जनाब इंस्टाग्राम से फुर्सत मिले तो खुद का ग्राम नजर आए
बच्चे की अच्छाई व बुराई दोनों को अपनाकर मां अपने बच्चे को प्रेम करती है। उसके लिए सफल बच्चे या विफल बच्चे सही- गलत इत्यादि के मायने या कोई मूल्य नहीं रखते हैं। मां बस प्रेम करना जानती है

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 7:34 am
by Bhaskar.Rajni
मेरी मां सजदे में रहती है
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ
उठाया गोद में माँ ने तब आसमान छुआ
घेर लेने को मुझे जब भी बलाएं आ गईं
ढाल बनकर सामने मां की दुआएं आ गईं
जरा-सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये
दिये से मेरी मां मेरे लिए काजल बनाती है
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती
ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूं मेरी मां सजदे में रहती है।


मैं जब घर लौट हूं तो घर में मां हो बस और कुछ नहीं चाहिए।🥺🥺🥺

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 7:38 am
by Bhaskar.Rajni
Anurag Srivastava wrote: Tue Dec 10, 2024 12:32 am हम वो आखिरी पीढ़ी ही जो मां के घर लौटते ही जो चाहते है वो मिल जाता है
क्योंकि हमारी मां कुछ नहीं जानती वो सिर्फ प्यार करती है
बाकी आने वाली पीढ़ी की मां सब जानती है सिवा परिवार के डिजिटल युग है जनाब इंस्टाग्राम से फुर्सत मिले तो खुद का ग्राम नजर आए
बिल्कुल सही कहा आपने मन तो सिर्फ प्यार करती है बच्चों की सलामती की दुआ करती है जब तक वहां घर से बाहर रहता है उसे उसकी फिक्र ही लगी रहती है मां जैसा संसार में कोई नहीं बन सकता मैं जब घर आऊं तो मुझे मां घर में ना देखे तो घर-घर नहीं लगता मां ही सारा संसार है मां से ही घर है मां से ही दुनिया

Re: जब भी माँ घर लौटती हैं, तो मैं उनसे क्या चाहता हूँ?

Posted: Tue Dec 10, 2024 12:22 pm
by Suman sharma
Bhaskar.Rajni wrote: Tue Dec 10, 2024 7:38 am
Anurag Srivastava wrote: Tue Dec 10, 2024 12:32 am हम वो आखिरी पीढ़ी ही जो मां के घर लौटते ही जो चाहते है वो मिल जाता है
क्योंकि हमारी मां कुछ नहीं जानती वो सिर्फ प्यार करती है
बाकी आने वाली पीढ़ी की मां सब जानती है सिवा परिवार के डिजिटल युग है जनाब इंस्टाग्राम से फुर्सत मिले तो खुद का ग्राम नजर आए
बिल्कुल सही कहा आपने मन तो सिर्फ प्यार करती है बच्चों की सलामती की दुआ करती है जब तक वहां घर से बाहर रहता है उसे उसकी फिक्र ही लगी रहती है मां जैसा संसार में कोई नहीं बन सकता मैं जब घर आऊं तो मुझे मां घर में ना देखे तो घर-घर नहीं लगता मां ही सारा संसार है मां से ही घर है मां से ही दुनिया
यह काफी भावुक विषय है मेरे लिए क्योंकि अब मेरी मां इस संसार में नहीं है मां का होना ही सबसे बड़ी दौलत है यह मैंने उनके बाद जाना वह होती तो यह कहते हो होती तो यह कहते आज भी मेरे हर काम में मेरी मां बोलती है जब घर में नहीं दिखती तो ऐसा लगता है की खाली हो गया बस अब एक ख्याल रह गया मां होती तो ऐसा होता