Happy Republic day 2025: A heart warming poem
Posted: Mon Jan 27, 2025 12:13 pm
गणतंत्र दिवस की कविता
जन-जन की आवाज है, गणतंत्र हमारा,
संविधान की राह है, जग को प्यारा।
सत्यमेव जयते का मंत्र हमें सिखाए,
हर दिल में स्वतंत्रता की लौ जलाए।
वीरों की कुर्बानी से मिली ये आज़ादी,
उनकी यादों से महकी धरती और वादी।
संविधान का पालन करना हमारा धर्म,
इसी से चमकेगा भारत का कर्म।
हर तिरंगे में बसता है गर्व हमारा,
शांति, एकता, और प्रेम का सहारा।
चलो मिलकर देश को ऊंचा उठाएं,
हर भारतवासी को उसका हक दिलाएं।
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं हर्षोल्लास,
भारत मां के चरणों में रखें अपना विश्वास।
संविधान की रक्षा का वादा करें,
अपने देश को प्रगति की राह पर धरे।







जन-जन की आवाज है, गणतंत्र हमारा,
संविधान की राह है, जग को प्यारा।
सत्यमेव जयते का मंत्र हमें सिखाए,
हर दिल में स्वतंत्रता की लौ जलाए।
वीरों की कुर्बानी से मिली ये आज़ादी,
उनकी यादों से महकी धरती और वादी।
संविधान का पालन करना हमारा धर्म,
इसी से चमकेगा भारत का कर्म।
हर तिरंगे में बसता है गर्व हमारा,
शांति, एकता, और प्रेम का सहारा।
चलो मिलकर देश को ऊंचा उठाएं,
हर भारतवासी को उसका हक दिलाएं।
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं हर्षोल्लास,
भारत मां के चरणों में रखें अपना विश्वास।
संविधान की रक्षा का वादा करें,
अपने देश को प्रगति की राह पर धरे।