हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
viewtopic.php?t=4052
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
अमीर खुसरो की पहेली
चार अंगुल का पेड़,सवा मन काफ्ता।
फल लागे अलग -अलग , पक जाए इक्कट्ठा।।
उत्तर – कुम्हार की चाक
चार अंगुल का पेड़,सवा मन काफ्ता।
फल लागे अलग -अलग , पक जाए इक्कट्ठा।।
उत्तर – कुम्हार की चाक
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
2 . पहेली
आगे आगे बहिना आई , पीछे पीछे भईया।
दांत निकाले बाबा आए , बुर्का ओढ़े मईया।।
उत्तर– भुट्टा
आगे आगे बहिना आई , पीछे पीछे भईया।
दांत निकाले बाबा आए , बुर्का ओढ़े मईया।।
उत्तर– भुट्टा
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
3. पहेली
एक नारी के है दो बालक ,दोनो एक हि रंग ।
एक फिरे एक ठाढा रहे ,फिर भी दोनो संग ।।
उत्तर- चक्की
एक नारी के है दो बालक ,दोनो एक हि रंग ।
एक फिरे एक ठाढा रहे ,फिर भी दोनो संग ।।
उत्तर- चक्की
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
4 .पहेली
उज्जवल बरन अधीन तन, चित्त दो ध्यान।
देखत मैं तो साधु है , पर निपट पाप की खान ।।
उत्तर – बगुला (पक्षी)
उज्जवल बरन अधीन तन, चित्त दो ध्यान।
देखत मैं तो साधु है , पर निपट पाप की खान ।।
उत्तर – बगुला (पक्षी)
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
5 .ऊपर से एक रंग हो और भीतर चित्तीदार।
सो प्यारी बातें करे फिकर अनोखी नार।।
उत्तर – सुपारी
*************************
6. एक नार कुएं में रहे ,
वाका नीर खेत में बहे।
जो कोई वाके नीर को चाखे,
फिर जीवन की आस न राखे।।
उत्तर – तलवार
सो प्यारी बातें करे फिकर अनोखी नार।।
उत्तर – सुपारी
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6. एक नार कुएं में रहे ,
वाका नीर खेत में बहे।
जो कोई वाके नीर को चाखे,
फिर जीवन की आस न राखे।।
उत्तर – तलवार
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
7 . श्याम बरन की है एक नारी ,
माथे ऊपर लागै प्यारी ।
जो मानुस इस अरथ को खोले ,
कुत्ते की वह बोली बोले।।
उत्तर – भौं ( भौएं आंख के ऊपर होती है )
**********************************
8. एक जानवर रंग रंगीला,
बिना मारे वह रोवे।
उस के सिर पर तीन तिलाके,
बिना बताए सोवे ।।
उत्तर – मोर
माथे ऊपर लागै प्यारी ।
जो मानुस इस अरथ को खोले ,
कुत्ते की वह बोली बोले।।
उत्तर – भौं ( भौएं आंख के ऊपर होती है )
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8. एक जानवर रंग रंगीला,
बिना मारे वह रोवे।
उस के सिर पर तीन तिलाके,
बिना बताए सोवे ।।
उत्तर – मोर
Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
दूध का दूध, पानी का पानी
रात भर के ख्वाब और झूठ के साए,
दिन के उजाले में दूध का दूध, पानी का पानी हुआ।
अब जो सही था, वो सामने आया है,
और जो गलत था, वो छिप न सका।
रात भर के ख्वाब और झूठ के साए,
दिन के उजाले में दूध का दूध, पानी का पानी हुआ।
अब जो सही था, वो सामने आया है,
और जो गलत था, वो छिप न सका।
Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
आगे की सोच
रास्तों पर धूप, तूफान और फिर बारिश आई,
सोचा नहीं था, लेकिन अब मुझे आगे की सोच आई।
हर कदम को संजीदगी से उठाओ, दोस्त,
क्योंकि जिंदगी कभी रुकती नहीं, सिखाती है रोज़।
रास्तों पर धूप, तूफान और फिर बारिश आई,
सोचा नहीं था, लेकिन अब मुझे आगे की सोच आई।
हर कदम को संजीदगी से उठाओ, दोस्त,
क्योंकि जिंदगी कभी रुकती नहीं, सिखाती है रोज़।
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
9. गोल मटोल और छोटा –मोटा ,
हर दम वह तो जमीं पर लोटा।
खुसरो कहे नहीं है झूठा,
जो न बुझे अक्ल का खोटा
उत्तर – लोटा
~~~~~~~~~~~~~*~~~~~~~~~~
10. एक थाल मोती से भरा,
सबके सर पर औधा धरा।
चारो ओर वह थाली फिरे,
मोती उससे एक न गिरे।।
उत्तर – आसमान
हर दम वह तो जमीं पर लोटा।
खुसरो कहे नहीं है झूठा,
जो न बुझे अक्ल का खोटा
उत्तर – लोटा
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10. एक थाल मोती से भरा,
सबके सर पर औधा धरा।
चारो ओर वह थाली फिरे,
मोती उससे एक न गिरे।।
उत्तर – आसमान
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Re: हिंदी साहित्य : रस, अलंकार, पहेलियां , मुहावरे
11. एक गुनी ने यह गुन कीना ,
हरियल पिंजरे में दे दीना।
देखा जादूगर का हाल ,
डाले हरा निकाले लाल।"
उत्तर – पान
~~~~~~~~~~~*~~~~~~~~~~
12. चाम मांस वाके नही नेक,
हाड़ मांस में वाके छेद।
मोहि अचंभो आवत ऐसे,
वामे जीव बसत है कैसे।।
उत्तर – पिंजड़ा
हरियल पिंजरे में दे दीना।
देखा जादूगर का हाल ,
डाले हरा निकाले लाल।"
उत्तर – पान
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12. चाम मांस वाके नही नेक,
हाड़ मांस में वाके छेद।
मोहि अचंभो आवत ऐसे,
वामे जीव बसत है कैसे।।
उत्तर – पिंजड़ा