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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Tue Apr 01, 2025 8:44 pm
by aakanksha24
टॉपिक – शोध गंगा

1. शोधगंगा क्या है?
ए) एक ऑनलाइन शोध प्रबंध PhD thesis रिपॉजिटरी है
बी) एक शोध पत्रिका
सी) एक शोध संस्थान
डी) एक शोध पुस्तकालय

उत्तर: ए) एक ऑनलाइन शोध प्रबंध रिपॉजिटरी

2. शोधगंगा की स्थापना किसने की थी?
ए) INFLIBNET Centre
बी) UGC
सी) ICSSR
डी) CSIR

उत्तर: ए) INFLIBNET Centre

3. शोधगंगा में क्या जमा किया जाता है?
ए) शोध प्रबंध Phd thesis
बी) शोध पत्र Research Paper
सी) पुस्तकें
डी) लेख

उत्तर: ए) शोध प्रबंध Phd Thesis

4. शोधगंगा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ए) शोध की गुणवत्ता में सुधार करना
बी) प्लेज़ियारिज़म को रोकना
सी) शोध कार्यों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करना
डी) सभी उपरोक्त

उत्तर: डी) सभी उपरोक्त

5. शोधगंगा में कितने विश्वविद्यालयों के शोध प्रबंध जमा किए गए हैं?
ए) 100
बी) 400
सी) 1000
डी) 2000

उत्तर: बी) 400



6 शोधगंगा में जमा किए गए शोध प्रबंधों की विषयवस्तु क्या होती है?
ए) केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी
बी) केवल सामाजिक विज्ञान और मानविकी
सी) सभी विषयों के शोध प्रबंध
डी) केवल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी

उत्तर: सी) सभी विषयों के शोध प्रबंध

7. शोधगंगा में शोध प्रबंध जमा करने के लिए क्या आवश्यक है?
ए) विश्वविद्यालय की मान्यता
बी) शोध प्रबंध की गुणवत्ता
सी) शोधकर्ता की सहमति
डी) सभी उपरोक्त

उत्तर: डी) सभी उपरोक्त

8. शोधगंगा के माध्यम से शोध प्रबंधों को कैसे एक्सेस किया जा सकता है?
ए) केवल विश्वविद्यालयों के माध्यम से
बी) केवल शोध संस्थानों के माध्यम से
सी) ऑनलाइन, इंटरनेट के माध्यम से
डी) केवल पुस्तकालयों के माध्यम से

उत्तर: सी) ऑनलाइन, इंटरनेट के माध्यम से

9. शोधगंगा में जमा किए गए शोध प्रबंधों का क्या लाभ है?
ए) वे केवल विश्वविद्यालयों में ही एक्सेस किए जा सकते हैं
बी) वे वैश्विक स्तर पर एक्सेस किए जा सकते हैं
सी) वे केवल शोधकर्ताओं द्वारा एक्सेस किए जा सकते हैं
डी) वे केवल छात्रों द्वारा एक्सेस किए जा सकते हैं

उत्तर: बी) वे वैश्विक स्तर पर एक्सेस किए जा सकते हैं

10. शोधगंगा के माध्यम से शोध प्रबंधों को जमा करने से क्या लाभ होता है?
ए) शोधकर्ताओं को प्लेज़ियारिज़म से बचाया जा सकता है
बी) शोध की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है
सी) शोध कार्यों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित किया जा सकता है
डी) सभी उपरोक्त

उत्तर: डी) सभी उपरोक्त

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Tue Apr 01, 2025 8:52 pm
by aakanksha24
शिक्षा क्षेत्र संबंधित जानकारी

1. हण्टर आयोग रिपोर्ट से सम्बन्धित कथनों पर विचार कीजिए:
1. प्राथमिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा को पृथक् करने पर बल देना।
2. शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना।
3. महिला शिक्षा को बढ़ावा देना।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है?
(A) केवल 1
(B) 1 और 2
(C) 2 और 3
(D) ये सभी ✅

2. भारतीय शिक्षा प्रणाली निम्नलिखित में से किसकी देन है?
(A) लॉर्ड बैण्टिक
(B) लॉर्ड डलहौजी
(C) लॉर्ड कर्जन
(D) लॉर्ड मैकॉले ✅



3. 'राधाकृष्णन आयोग' की सिफारिशों पर विचार कीजिए:
1. सभी विश्वविद्यालयों का स्तर एक समान करने की सिफारिश।
2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बनाने की सिफारिश।
3. शिक्षा को संघ सूची में शामिल करने की सिफारिश।

उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 ✅
(D) ये सभी



4. निम्न में कौन-सा कथन राधाकृष्णन आयोग के सन्दर्भ में सही नहीं है?
(A) इसने विश्वविद्यालय की शिक्षा से पूर्व 12 वर्ष के अध्ययन की सिफारिश की थी।
(B) इसने शिक्षण के तीन उद्देश्य बताए, जिसमें सामान्य शिक्षा, संस्कारी शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा प्रमुख।
(C) इसने शिक्षा को राज्य सरकार के अधीन करने की सिफारिश की थी। ✅
(D) इसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बनाने की सिफारिश की थी।



5. स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत में सर्वप्रथम किस शैक्षणिक आयोग की स्थापना की गई?
(A) साइमन आयोग
(B) मेहता आयोग
(C) राधाकृष्णन आयोग ✅
(D) कोठारी आयोग

Re: करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तर

Posted: Wed Apr 02, 2025 2:17 pm
by aakanksha24
# NET JRF
*उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षाशास्त्र*

*परिचय*

डिजिटल शिक्षाशास्त्र (Digital Pedagogy) एक आधुनिक शिक्षण दृष्टिकोण है जो प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके सीखने के अनुभवों को बेहतर बनाता है। यह केवल डिजिटल उपकरणों के उपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षण पद्धतियों, छात्र सहभागिता और ज्ञान प्रसार को भी बदलता है। कोविड-19 महामारी के बाद शिक्षा के डिजिटलरण में तेजी आई है, जिससे उच्च शिक्षा में डिजिटल शिक्षाशास्त्र की महत्ता बढ़ गई है।

*डिजिटल शिक्षाशास्त्र के प्रमुख पहलू*

1. ब्लेंडेड लर्निंग – पारंपरिक कक्षा शिक्षण और ऑनलाइन संसाधनों का मिश्रण, जिससे शिक्षा अधिक लचीली होती है।

2. फ्लिप्ड क्लासरूम – छात्र घर पर ऑनलाइन व्याख्यान देखकर सिद्धांत सीखते हैं और कक्षा में चर्चा व समस्या समाधान करते हैं।

3. एडेप्टिव लर्निंग – कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित प्लेटफॉर्म छात्रों की सीखने की गति और शैली के अनुसार सामग्री को अनुकूलित करते हैं।

4. गेमीफिकेशन – क्विज़, बैज और लीडरबोर्ड जैसे गेम-आधारित तत्वों का उपयोग करके छात्रों की रुचि और प्रेरणा बढ़ाना।

5. माइक्रोलर्निंग – छोटे और केंद्रित शिक्षण मॉड्यूल, जो वीडियो, इन्फोग्राफिक्स और मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रस्तुत किए जाते हैं।

6. ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (OERs) – निःशुल्क डिजिटल शैक्षिक सामग्री जैसे ई-पुस्तकें, शोध पत्र और व्याख्यान वीडियो, जो ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करते हैं।

*डिजिटल शिक्षाशास्त्र के लाभ*

सुलभता में वृद्धि – दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

लचीला सीखने का अनुभव – छात्र अपनी सुविधा अनुसार सीख सकते हैं, जिससे विभिन्न शिक्षण शैलियों का समर्थन होता है।

इंटरएक्टिव और आकर्षक सामग्री – मल्टीमीडिया तत्वों का उपयोग सीखने को प्रभावी बनाता है।

डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि – शिक्षकों को छात्र प्रगति का विश्लेषण करने और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया देने की सुविधा मिलती है।

सहयोगात्मक शिक्षण – ऑनलाइन मंच और समूह परियोजनाएँ छात्रों को पारस्परिक ज्ञान साझा करने के लिए प्रेरित करती हैं।

*डिजिटल शिक्षाशास्त्र की चुनौतियाँ*

डिजिटल डिवाइड – सभी छात्रों के पास तकनीकी उपकरण और इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं होती।

शिक्षक प्रशिक्षण – शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

छात्रों का ध्यान भटकना – तकनीक के अत्यधिक उपयोग से एकाग्रता में कमी आ सकती है।

साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएँ – डेटा गोपनीयता और ऑनलाइन सुरक्षा से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

डिजिटल शिक्षाशास्त्र उच्च शिक्षा को अधिक इंटरएक्टिव, सुलभ और छात्र-केंद्रित बना रहा है। हालांकि, इसकी सफलता डिजिटल डिवाइड को दूर करने और शिक्षकों को प्रशिक्षण देने पर निर्भर करती है। यदि सही नीतियाँ और बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराया जाए, तो डिजिटल शिक्षाशास्त्र 21वीं सदी में शिक्षा की गुणवत्ता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा सकता है।

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Thu Apr 03, 2025 4:57 pm
by johny888
करंट अफेयर्स किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए बेहद जरूरी होते हैं क्योंकि यह न केवल जनरल अवेयरनेस बढ़ाते हैं, बल्कि परीक्षा में सफलता की संभावना भी बढ़ाते हैं। यह इंटरव्यू में भी सहायक होते है, क्योंकि वहाँ समसामयिक घटनाओं पर आपके विचार पूछे जा सकते हैं। रोज़ाना न्यूज़ पढ़ना और करंट अफेयर्स पर फोकस करना सफलता के लिए अनिवार्य है।

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Fri Apr 11, 2025 9:06 pm
by aakanksha24
प्रश्न –भारत की पहली ओपन यूनिवर्सिटी कौनसी है?
जवाब – देश का प्रथम खुला विश्वविद्यालय आंध्रप्रदेश खुला विश्वविद्यालय है, जो कि वर्तमान में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है । यह यूनिवर्सिटी 1982 में स्थापित की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों को शिक्षा प्रदान करना था जो विभिन्न कारणों से नियमित कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते थे ।

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी ने देश में दूरस्थ शिक्षा की शुरुआत की और आज यह यूनिवर्सिटी देश की प्रमुख ओपन यूनिवर्सिटीज में से एक है । इस यूनिवर्सिटी ने लाखों छात्रों को शिक्षा प्रदान की है और देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं|

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Fri Apr 11, 2025 9:11 pm
by aakanksha24
*"संचार – शिक्षण और अधिगम की जीवनरेखा"*


1. मेहराबियन के अध्ययन के अनुसार, संचार का कितना प्रतिशत भाग गैर-मौखिक संकेतों के माध्यम से होता है?
A. 7%
B. 38%
C. 55%
D. 93%

उत्तर: C. 55%

स्पष्टीकरण: मेहराबियन के अध्ययन में यह पाया गया कि 55% संचार शारीरिक भाषा (गैर-मौखिक), 38% स्वर (वोकल) और केवल 7% शब्दों (मौखिक) के माध्यम से होता है। अतः गैर-मौखिक संकेतों की भूमिका सबसे अधिक होती है।

2. शैनन-वीवर मॉडल में संचार की प्रक्रिया में कौन-सा तत्व बाधा उत्पन्न कर सकता है?
A. चैनल
B. फीडबैक
C. शोर (Noise)
D. प्राप्तकर्ता

उत्तर: C. शोर (Noise)

स्पष्टीकरण: शैनन-वीवर मॉडल में "Noise" को किसी भी प्रकार की वह रुकावट माना गया है जो संदेश के आदान-प्रदान या उसकी व्याख्या में बाधा उत्पन्न करती है। यह संचार की विफलता को समझने में महत्वपूर्ण है।

3. कौन-सा संचार मॉडल स्रोत, संदेश, चैनल और प्राप्तकर्ता की भूमिका को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है?
A. श्रैम मॉडल
B. शैनन-वीवर मॉडल
C. बर्लो का SMCR मॉडल
D. लासवेल मॉडल

उत्तर: C. बर्लो का SMCR मॉडल

स्पष्टीकरण: बर्लो का SMCR मॉडल संचार को चार प्रमुख घटकों में बाँटता है – स्रोत (Source), संदेश (Message), चैनल (Channel), प्राप्तकर्ता (Receiver)। यह प्रत्येक घटक की भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

4. आधुनिक शैक्षिक परिवेश में प्रभावी संचार का 'हृदय' किसे माना जाता है?
A. व्याख्यान प्रस्तुतिकरण
B. डिजिटल उपकरण
C. फीडबैक
D. प्रश्नपत्र

उत्तर: C. फीडबैक

स्पष्टीकरण: फीडबैक संचार को द्वि-दिशात्मक बनाता है और छात्रों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देता है। यह संदेश की समझ और रचनावादी अधिगम के लिए आवश्यक है।

5. आधुनिक कक्षा में डिजिटल साक्षरता क्यों महत्वपूर्ण है?
A. व्याख्यान की अवधि बढ़ाने के लिए
B. विषयवस्तु याद करने के लिए
C. स्मार्ट बोर्ड का प्रभावी उपयोग और मीडिया से आलोचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए
D. पारंपरिक शिक्षण को पूरी तरह से बदलने के लिए

उत्तर: C. स्मार्ट बोर्ड का प्रभावी उपयोग और मीडिया से आलोचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए

स्पष्टीकरण: जब शिक्षा में ICT उपकरणों और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स का समावेश होता है, तब डिजिटल साक्षरता यह सुनिश्चित करती है कि शिक्षक और विद्यार्थी इन माध्यमों का प्रभावी और सही उपयोग कर सकें तथा संदेश की सटीकता बनी रहे।

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Fri Apr 11, 2025 9:15 pm
by aakanksha24
1. पॉज़िटिविज़्म (सकारात्मकता) ऐसे तथ्यों पर ज़ोर देता है जिन्हें देखा और मापा जा सकता है; इसकी नींव ऑगस्ट कॉम्टे (1830 के दशक) ने रखी थी और यह मात्रात्मक शोध का आधार है।

2. परिकल्पना दो चर के बीच संबंध की एक अनंतिम कथन होती है; कार्ल पॉपर ने इसकी मुख्य विशेषता के रूप में फॉल्सीफायबिलिटी (अखंडनयोग्यता) को रेखांकित किया।

3. शैक्षणिक लेखन में साहित्यिक चोरी (Plagiarism) दूसरों के विचारों को बिना श्रेय दिए प्रयोग करना अनैतिक है; भारत में Turnitin और Urkund जैसे उपकरण इसके पहचान हेतु उपयोग किए जाते हैं।

4. त्रैतीयकरण (Triangulation) से शोध की वैधता बढ़ती है क्योंकि इसमें कई विधियाँ, स्रोत या सिद्धांत एक साथ प्रयुक्त होते हैं, विशेष रूप से मिश्र विधि शोध में।

5. प्रायोगिक अनुसंधान डिज़ाइन में कारण-प्रभाव संबंध की स्थापना हेतु नियंत्रण एवं उपचार समूहों का प्रयोग किया जाता है, जो आमतौर पर STEM और मनोविज्ञान में होता है।

6. स्नोबॉल सैम्पलिंग एक गैर-प्रायिक तकनीक है, जो ड्रग उपयोगकर्ता या प्रवासी जैसे कठिन-से-पहुंच समूहों के लिए उपयुक्त होती है।

7. नृवंशविज्ञानात्मक अनुसंधान (Ethnography) में लंबे समय तक क्षेत्र कार्य और अवलोकन शामिल होता है, यह मानवशास्त्र में गहराई से निहित है और क्लिफोर्ड गीर्ट्ज़ ने इसका व्यापक उपयोग किया।

8. बिब्लियोमेट्रिक्स (सांख्यिकीय ग्रंथसूची विश्लेषण) प्रकाशनों और संदर्भों का विश्लेषण करता है; h-इंडेक्स (J.E. Hirsch) जैसे सूचकांक शोध उत्पादकता को मापते हैं।

9. शोध प्रतिमान (Paradigm) शोधकर्ता की विश्वास प्रणाली को दर्शाता है; इसके तीन प्रमुख प्रकार हैं – पॉज़िटिविस्ट, इंटरप्रेटिविस्ट और क्रिटिकल थ्योरी।

10. Scopus और Web of Science अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो प्रमुख डेटाबेस हैं, जो समीक्षित शोध और उद्धरण विश्लेषण प्रदान करते हैं।

11. सैम्पलिंग त्रुटि नमूने के स्थान पर पूरी जनसंख्या के बजाय चयन करने से होती है, जिसे नमूना आकार बढ़ाकर या यादृच्छिकता से घटाया जा सकता है।

12. क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research) एक सहभागी पद्धति है, जिसका उद्देश्य वास्तविक समस्याओं का समाधान करना होता है; इसे कर्ट लेविन ने 1940 के दशक में प्रारंभ किया।

13. लिकर्ट स्केल, जिसे Rensis Likert ने 1932 में विकसित किया, प्रश्नावली में रुचियों और दृष्टिकोणों को मापने के लिए उपयोग होता है।

14. विश्वसनीयता (Reliability) मापन उपकरण की सुसंगतता को दर्शाती है; इसके लिए Cronbach's alpha (α > 0.7) सामान्य रूप से मान्य माना जाता है।

15. वैधता (Validity) यह आकलन करती है कि कोई उपकरण वास्तव में वही माप रहा है जिसे वह मापने का दावा करता है; इसके मुख्य प्रकार हैं – संरचनात्मक, सामग्री और मापदंड वैधता।

16. गुणात्मक अनुसंधान (Qualitative Research) व्यक्तिपरक अनुभवों की पड़ताल करता है और इसमें साक्षात्कार, फोकस ग्रुप और थीमैटिक विश्लेषण शामिल होते हैं।

17. डेल्फ़ी विधि, जिसे RAND Corporation ने विकसित किया, विशेषज्ञों की आम सहमति को प्रश्नावली के कई दौरों के माध्यम से प्राप्त करती है।

18. साहित्य समीक्षा (Literature Review) शोध रिपोर्ट में अनुसंधान अंतर की पहचान में सहायक होती है और सैद्धांतिक ढांचा तैयार करती है।

19. SPSS और R दो प्रमुख सांख्यिकीय सॉफ्टवेयर हैं जो शैक्षणिक और बाज़ार अनुसंधान दोनों में डेटा विश्लेषण के लिए उपयोग होते हैं।

20. संचालनात्मक परिभाषा (Operational Definition) यह स्पष्ट करती है कि कोई अवधारणा कैसे मापी जाएगी, जिससे “सामाजिक चिंता” जैसे अमूर्त शब्द शोध योग्य बनते हैं।

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Posted: Mon Apr 14, 2025 9:27 pm
by aakanksha24
1. प्रो. यशपाल ने उच्च शिक्षा एवं शोध के लिए किस संवैधानिक संस्थान के गठन का सुझाव दिया?
(A) विश्वविद्यालय आयोग
(B) नेशनल काउंसिल ऑफ टैक्निकल एजुकेशन
(C) नेशनल कमीशन फॉर हायर एजुकेशन ✅
(D) उपरोक्त में सभी।


2. शैक्षणिक सेवा को समर्पित एडूसैट परियोजना की शुरुआत इसरो (ISRO) ने किस वर्ष की थी?
(A) अक्टूबर 2001 ✅
(B) अक्टूबर 2002
(C) अक्टूबर 2003
(D) इनमें कोई नहीं



3. भारत का पहला खुला विश्वविद्यालय किस राज्य में स्थापित हुआ?
(A) आन्ध्र प्रदेश ✅
(B) दिल्ली
(C) हिमाचल प्रदेश
(D) तमिलनाडु



4. निम्न में से कौन-सा संगठन भारत में तकनीकी तथा प्रबन्ध शिक्षा की गुणवत्ता की देखरेख करता है?
(A) NCTE
(B) MCI
(C) AICTE ✅
(D) CSIR



5. भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या बताइए।
(A) 10
(B) 07 ✅
(C) 08
(D) 09

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी (NET JRF)

Posted: Mon Apr 21, 2025 8:12 am
by aakanksha24
भारतेन्दु युग का साहित्यिक योगदान

1⃣ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा संपादित पत्रिका कौन-सी थी जो हिंदी नवजागरण का प्रमुख अंग मानी जाती है?
A. प्रबोध चंद्रोदय
B. कविवचन सुधा
C. हरिश्चंद्र चंद्रिका
D. ब्राह्मण
उत्तर: C

व्याख्या
🔹 ‘हरिश्चंद्र चंद्रिका’ पत्रिका का संपादन भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने 1873 में शुरू किया था।
🔹 यह पत्रिका राजनीतिक चेतना, सामाजिक सुधार, और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रमुख वाहक थी।
🔹 इसके माध्यम से भारतेन्दु ने ब्रिटिश शासन की नीतियों की आलोचना की और राष्ट्रीय चेतना का संचार किया।
🔹 भारतेन्दु की अन्य पत्रिकाएँ थीं – ‘कविवचन सुधा’, ‘बाल बोधिनी’, ‘बालोदया’।
🔹 उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से हिंदी को जनभाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई।

2⃣ निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा रचित नहीं है?
A. अंधेर नगरी
B. भारत दुर्दशा
C. चन्द्रावली
D. मत्स्यावतार
उत्तर: D

व्याख्या
🔹 मत्स्यावतार भारतेन्दु हरिश्चंद्र की रचना नहीं है, यह भक्तिकाल या धार्मिक साहित्य से संबंधित है।
🔹 भारतेन्दु ने कई प्रभावशाली नाटक लिखे जैसे:
▪️अंधेर नगरी (1871) – जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और अंधी राजनीति की आलोचना की।
▪️भारत दुर्दशा (1875) – औपनिवेशिक शासन की विडंबनाओं को उजागर किया।
▪️वैदिक हिंसा हिंसा न भवति – धार्मिक पाखंड पर व्यंग्य।

🔹 उनके नाटकों में राष्ट्रवाद, सुधारवाद और यथार्थ प्रमुख तत्व हैं।

3⃣ भारतेन्दु युग को 'हिंदी नवजागरण का युग' क्यों कहा जाता है?
A. धार्मिक आंदोलन के कारण
B. फारसी साहित्य के प्रभाव से
C. सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक चेतना के उभार से
D. अंग्रेजी शिक्षा के विरोध के कारण
उत्तर: C

व्याख्या
🔹 भारतेन्दु युग को 'हिंदी नवजागरण' इसलिए कहा जाता है क्योंकि:
🔹 इस काल में राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक सुधार, और भाषाई जागरूकता का प्रसार हुआ।
🔹 भारतेन्दु ने हिंदी को जनमानस की भाषा बनाने की कोशिश की।
🔹 उन्होंने नारी शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह, बाल विवाह जैसी समस्याओं पर साहित्य रचा।
🔹 उन्होंने नाटक, निबंध, आलोचना, यात्रा-वृत्तांत जैसे आधुनिक विधाओं को हिंदी में स्थापित किया।
🔹 उनके साहित्य में भारतीयता और स्वदेश प्रेम प्रमुख हैं।

4⃣ ‘अंधेर नगरी’ नाटक का प्रमुख संदेश क्या है?
A. अंग्रेजी शासन की प्रशंसा
B. धार्मिक प्रचार
C. न्याय व्यवस्था और प्रशासन पर व्यंग्य
D. राजाओं की वीरता का गुणगान
उत्तर: C

व्याख्या
🔹 ‘अंधेर नगरी’ एक व्यंग्यात्मक नाटक है जिसमें भ्रष्ट न्याय व्यवस्था और मूर्ख प्रशासकों पर तीखा प्रहार किया गया है।
🔹 इसमें राजा ‘टके सेर भाजी, टके सेर खीर’ की नीति चलाता है – जो अनुशासनहीनता और मूर्खता का प्रतीक है।
🔹 न्यायपालिका इतनी अराजक है कि निर्दोष व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है।
🔹 पात्र ‘दीवान’ और ‘गुरु’ द्वारा व्यंग्यात्मक ढंग से इस अन्याय को उजागर किया गया।
🔹 नाटक का उद्देश्य जनजागरूकता, राजनीतिक चेतना, और बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करना है।

Re: सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी (NET JRF)

Posted: Mon Apr 21, 2025 8:17 am
by aakanksha24
रीतिकाल: प्रवृत्तियाँ, कवि व ग्रंथ
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1.रीतिकाल की कालावधि सामान्यतः 1700 ई. से 1850 ई. मानी जाती है – यह काल दरबारी काव्य के उत्कर्ष का काल है।
2.रीतिकाव्य में श्रृंगार रस की प्रधानता रही, जो संयोग व वियोग दोनों रूपों में वर्णित है।
3.रीतिकाल के कवियों में दरबारी संस्कृति और राजाश्रय की स्पष्ट छाप दिखाई देती है।
4.रीतिकाल को रीति सिद्ध, रीति मुक्त और रीतिबद्ध कवियों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है – यह विभाजन आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने किया।
5.भूषण (1613–1715) ने शिवाजी व छत्रसाल की वीरता का वर्णन किया – ग्रंथ: शिवराज भूषण, भूषण चंद्रिका।

6.घनानंद की मृत्यु 1760 ई. में मानी जाती है – वे वियोग श्रृंगार के श्रेष्ठ कवि थे।
7. पद्माकर (1753–1833) की रचनाएँ – जंगनामे, आलमगीरनामा आदि में ऐतिहासिक घटनाओं का सुंदर वर्णन है।
8.रीतिकालीन भाषा प्रमुखतः ब्रजभाषा थी – जो भावप्रवणता, ललितता के लिए उपयुक्त मानी जाती थी।
9.रसिकप्रिया ग्रंथ के रचयिता केशवदास हैं – इसमें नायिका भेद, अलंकार, रस की विशद चर्चा है।
10. चित्तचमत्कार जैसे शब्दों के प्रयोग रीतिकाल की अलंकारिक भाषा शैली को दर्शाते हैं।

11.आलम को काव्य-भाषा में फारसी शब्दों के सुंदर प्रयोग के लिए जाना जाता है।
12.रीति सिद्ध कवि – भूषण, चिंतामणि, पद्माकर ने काव्यशास्त्र के नियमों पर आधारित काव्य रचा।
13. रीति मुक्त कवियों में – घनानंद, बेनी, लालकृष्ण ने स्वतंत्र रूप से भावप्रधान काव्य की रचना की।
14. रसगंगाधर (पं. जगन्नाथ) और काव्यप्रकाश (मम्मट) जैसे संस्कृत ग्रंथों का प्रभाव रीतिकाव्य में स्पष्ट मिलता है।
15. भूषण ने शिवाजी की वीरता का वर्णन करते हुए लिखा: “निज भुजबल भरसों भरोसो कर भरोसो नहीं और।”

16. चिंतामणि त्रिपाठी की रचना चित्रकाव्य कलानिधि को काव्य अलंकरण का आदर्श उदाहरण माना जाता है।
17.मत्त कवि की रचना रसराज में रसों और अलंकारों का विशद वर्णन मिलता है।
18. कवि बेनी का चंद्रकला काव्य श्रृंगार रस का उत्कृष्ट उदाहरण है।
19.रीतिकाव्य में नायिका भेद (स्वधीनभर्तृका, खंडिता, प्रोषितभर्तृका आदि) का सुंदर चित्रण हुआ है।
20. रीतिकाल में चित्रकाव्य, श्लेष अलंकार, अनुप्रास, उपमा, उत्प्रेक्षा आदि अलंकारों का प्रमुखता से प्रयोग किया गया।