प्रेम की पीर
प्रेम की पीर
तेरी यादें बेचैनी दे जाती हैं, बिना तेरे दिल अधूरा सा लगता है। हर दिन तेरी तस्वीरें देखता हूँ, और तेरी ख़ुशबू महसूस करता हूँ।
जानता हूँ कि तू दूर है मुझसे, फिर भी तेरी यादों में खो जाता हूँ। कभी-कभी तुझे पाने की तमन्ना में, अपनी तन्हाई से लड़ जाता हूँ।
तेरे बिना मेरे दिल को सुकून नहीं, हर पल बस तेरी यादों में धुंधला सा जीता हूँ। मेरे दिल की आवाज़ है बस एक, मुझे बहुत याद आती है तू।
जानता हूँ कि तू दूर है मुझसे, फिर भी तेरी यादों में खो जाता हूँ। कभी-कभी तुझे पाने की तमन्ना में, अपनी तन्हाई से लड़ जाता हूँ।
तेरे बिना मेरे दिल को सुकून नहीं, हर पल बस तेरी यादों में धुंधला सा जीता हूँ। मेरे दिल की आवाज़ है बस एक, मुझे बहुत याद आती है तू।
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- सात सो!!!! पोस्टिंग के साथ !!! लाहौल विला कुव्वत!!!
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Re: प्रेम की पीर
दिल में उठता है एक सागर,
प्रेम का ज्वार-भाटा लगा रहता है।
नयन झुक जाते हैं, मन व्याकुल सा,
जब प्रियतम की याद आ जाती है।
मिलन की आस में हर पल बीतता,
अंतर मन में प्यार की पीर सताती है।
चंदन की लकड़ी सी जलती रही,
प्रेम की आग में, यह जिंदगी।
रोज़-रोज़ दिल में उठता है सवाल,
क्या मिलेगी मुझको ये मोहब्बत का माल?
नयन झुक जाते हैं, मन व्याकुल सा,
जब प्रियतम की याद आ जाती है।
प्रेम का ज्वार-भाटा लगा रहता है।
नयन झुक जाते हैं, मन व्याकुल सा,
जब प्रियतम की याद आ जाती है।
मिलन की आस में हर पल बीतता,
अंतर मन में प्यार की पीर सताती है।
चंदन की लकड़ी सी जलती रही,
प्रेम की आग में, यह जिंदगी।
रोज़-रोज़ दिल में उठता है सवाल,
क्या मिलेगी मुझको ये मोहब्बत का माल?
नयन झुक जाते हैं, मन व्याकुल सा,
जब प्रियतम की याद आ जाती है।
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Re: प्रेम की पीर
प्रेम की पीर ना समझे कोई
मीरा के गीतों में देखो
राधा के नैनन में देखो
कान्हा बिन और ना कोई
प्रेम की पीर ना समझे कोई
मीरा के गीतों में देखो
राधा के नैनन में देखो
कान्हा बिन और ना कोई
प्रेम की पीर ना समझे कोई
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Re: प्रेम की पीर
प्रेम की पीर जिस तन लागे
वही समझ जिसको लागे
नैनन में एक की मूरत
अधर पुकारे उसका नाम
प्रेम की जोगन प्रेम ही जाने
उसकी ना कोई और पहचान
वही समझ जिसको लागे
नैनन में एक की मूरत
अधर पुकारे उसका नाम
प्रेम की जोगन प्रेम ही जाने
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Re: प्रेम की पीर
प्रेम की पीर क्या तूने समझी?
क्या तूने वह दर्द झेला है?
जब भी तेरा नाम पुकारा
मेरा रोम रोम बोला है।
अपने आप को मिटा कर हमने
तब तुझको पाया है।
तेरे प्रेम की पीर है मीठी लागे
तुझ में हमने रब को पाया है।
क्या तूने वह दर्द झेला है?
जब भी तेरा नाम पुकारा
मेरा रोम रोम बोला है।
अपने आप को मिटा कर हमने
तब तुझको पाया है।
तेरे प्रेम की पीर है मीठी लागे
तुझ में हमने रब को पाया है।
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Re: प्रेम की पीर
प्रेमियों को लागे
मीठी प्रेम की पीर
राधा को है कृष्णा भाये
वह चली जमुना के तीर
ना कोई ,कांटा न कोई पत्थर
पैरों में जो फूल बिछा दे
ऐसी है प्रेम की पीर
मीठी प्रेम की पीर
राधा को है कृष्णा भाये
वह चली जमुना के तीर
ना कोई ,कांटा न कोई पत्थर
पैरों में जो फूल बिछा दे
ऐसी है प्रेम की पीर
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Re: प्रेम की पीर
प्रेम की राह कहां आसान होती है
खुद मिटकर प्रीत जवान होती है
अधरों तक कभी आ नहीं पाती
प्रेम के नैयनों में जुबां होती है
प्रेम की पीर प्रेमी ही समझे
जिंदगी प्रेम पर कुर्बां होती है।
खुद मिटकर प्रीत जवान होती है
अधरों तक कभी आ नहीं पाती
प्रेम के नैयनों में जुबां होती है
प्रेम की पीर प्रेमी ही समझे
जिंदगी प्रेम पर कुर्बां होती है।
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Re: प्रेम की पीर
प्रेम के पीर से बच के रहिओं
प्रेम की रहना पडि़यों कोई
प्रेम प्रेम बस रटते रहना
और सूझबूझ ना रहे कोई
प्रेम की पीर ना सहियो कोई
प्रेम की रहना पडि़यों कोई
प्रेम प्रेम बस रटते रहना
और सूझबूझ ना रहे कोई
प्रेम की पीर ना सहियो कोई
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Re: प्रेम की पीर
आसान नहीं है प्रेम की डगर
पीर प्रेम की असहनीय है
प्राणों का मोह तुम त्यागों
आना है इस ओर अगर
प्रेम के पीर में जल जाओगे
सोच लो फिर करना ये सफर
पीर प्रेम की असहनीय है
प्राणों का मोह तुम त्यागों
आना है इस ओर अगर
प्रेम के पीर में जल जाओगे
सोच लो फिर करना ये सफर
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Re: प्रेम की पीर
तेरे दरस से मिट जाती है हर पीर
प्रेम की पीर जो तूने दी है
अब तू ही बंधा मुझको धीर
अपने बोलो की शीतल छाया से
अब मिटा दे यह प्रेम की पीर।
प्रेम की पीर जो तूने दी है
अब तू ही बंधा मुझको धीर
अपने बोलो की शीतल छाया से
अब मिटा दे यह प्रेम की पीर।