जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (District Consumer Disputes Redressal Commission) के तहत कितनी मुआवजा राशि दावाकर्ता की जा सकती है?
भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (District Consumer Disputes Redressal Commission) के तहत दावे की सीमा और मुआवजे की राशि निम्नलिखित होती है:
1. शिकायत की राशि की सीमा:
- ₹1 लाख तक: उपभोक्ता फोरम शिकायत की राशि ₹1 लाख तक के मामलों को सुनता है।
- ₹1 लाख से ₹5 लाख तक: इसके लिए राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास जाना होता है।
- ₹5 लाख से ₹10 लाख तक: इस सीमा के तहत के मामलों को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में नहीं सुना जाता, बल्कि राज्य आयोग में दर्ज किया जाता है।
2. मुआवजे की सीमा:
- ₹1 लाख तक: जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के तहत दावाकर्ता ₹1 लाख तक की राशि के लिए मुआवजा दावा कर सकते हैं।
- ₹1 लाख से ₹5 लाख तक: यदि शिकायत की राशि ₹1 लाख से ₹5 लाख तक है, तो इसके लिए राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत दर्ज की जाती है और राज्य आयोग ही मुआवजे की राशि तय करता है।
3. आदेश और मुआवजा:
- जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग आदेश दे सकता है कि विक्रेता या सेवा प्रदाता उपभोक्ता को मुआवजा, उत्पाद की मरम्मत या बदलवाने, या सेवा की सुधार के आदेश दे सकता है। मुआवजा की राशि उपभोक्ता के नुकसान और मामले की प्रकृति के आधार पर तय की जाती है।
निष्कर्ष:
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के तहत दावाकर्ता ₹1 लाख तक की शिकायतों के लिए मुआवजा मांग सकते हैं। अगर दावे की राशि इससे अधिक है, तो मामला राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग या राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में दर्ज किया जाएगा, जहाँ मुआवजा की राशि और सीमा अलग हो सकती है।