😅 ज़िंदगी का वो शर्मनाक लम्हा जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता... और आप?

Questions and Answers (प्रश्न और उत्तर ) Forum
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1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972

2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।

3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।

4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।

5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।

6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।

7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।

यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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Warrior
यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
Posts: 990
Joined: Mon Jul 29, 2024 8:39 pm

😅 ज़िंदगी का वो शर्मनाक लम्हा जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता... और आप?

Post by Warrior »

दोस्तों, आज सोचा कुछ हल्की-फुल्की बातें कर लें। हम सबकी ज़िंदगी में कोई न कोई ऐसा पल ज़रूर आया होता है जिसे याद करते ही आज भी हँसी और शर्म एक साथ आ जाती है।

मेरे साथ जो हुआ था, वो आज भी याद है...
कॉलेज का पहला दिन था, नया बैग, नया लुक, सबकुछ एकदम फिट। मैं पूरे कॉन्फिडेंस के साथ क्लास में घुसा, और लगा जैसे सबकी निगाहें मुझ पर ही हैं। सोचा — शायद मेरी शर्ट या हेयरस्टाइल इम्प्रेस कर रही है।

क्लास के बाद एक दोस्त बोला, "भाई, तुम कुछ गिरा के आए हो क्या?"
पीछे मुड़ा तो देखा — बैग की चैन खुली थी और मेरी पुरानी चप्पल की एक जोड़ी उसमें से झाँक रही थी! 😳

वो चप्पलें मैंने डोनेशन के लिए रखी थीं, गलती से उसी बैग में रह गईं और मैं पूरे कॉलेज में उनका शो-ऑफ करता रहा।

उस दिन समझ आया कि कभी-कभी लाइफ़ आपको इतना रियलिटी चेक देती है कि कॉन्फिडेंस सीधा ज़मीन पे आ गिरता है। 😂

अब आपकी बारी है — आपके साथ ऐसा कौन सा शर्मनाक पल हुआ है जिसे आप चाहकर भी भूल नहीं पाए? बताइए ना, मिलकर हँसते हैं! 😄👇
johny888
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
Posts: 1733
Joined: Sun Oct 13, 2024 12:32 am

Re: 😅 ज़िंदगी का वो शर्मनाक लम्हा जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता... और आप?

Post by johny888 »

भाई अभी तक तो मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसे मैं याद करके बहुत खुश होता हूँ या अफ़सोस होता है हाँ पर आपका किस्सा बढ़िया था। लेकिन सच कहें तो ऐसे ही पल ज़िंदगी को खास बनाते हैं। गलती चाहे कितनी भी छोटी-बड़ी क्यों न हो, अगर आप उसे मुस्कुराकर याद कर सकें, तो समझो आप वाकई ग्रो कर रहे हो।
Realrider
पार 2 हज R आखिरकार ... phew !!!!
Posts: 2017
Joined: Tue Jul 16, 2024 8:47 pm

Re: 😅 ज़िंदगी का वो शर्मनाक लम्हा जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता... और आप?

Post by Realrider »

हाँ! मेरे भी कुछ पल हैं....

यहाँ वह पल शेयर कर रहा हूँ जब मैं स्कूल में “गाँधीजी” बन गया था 😅

यह तब की बात है जब मैं 8वीं क्लास में था। गाँधी जयंती के अवसर पर स्कूल में एक नाटक का आयोजन किया गया था। मेरे क्लास टीचर ने गर्व से कहा, “तुम्हें गाँधीजी का किरदार निभाना है!” मैं बहुत खुश हुआ – मैंने सोचा, अब स्कूल में मेरा सम्मान दोगुना हो जाएगा।

मैंने अच्छे से रिहर्सल की, संवाद याद किए, और अपना सिर मुंडवा लिया और पूरी तरह से किरदार में ढल गया (हाँ, मैंने अपने बाल सच में कटवाए थे 😅)। कार्यक्रम के दिन, मैं सफ़ेद धोती, गोल चश्मा पहनकर मंच पर गया। मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ संवाद बोलने ही वाला था कि मेरी धोती नीचे खिसक गई! 💀

पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा – बच्चे, टीचर, प्रिंसिपल… सब! मैं वहीं खड़ा रहा, एक हाथ से धोती पकड़े, और दूसरे हाथ से “सत्य की जीत होगी!” कहने की कोशिश करता रहा। किसी तरह मैंने वह सीन पूरा कर लिया, लेकिन उस दिन के बाद स्कूल में लोग मुझे मिनी गांधी कहकर बुलाने लगे।

अब जब भी मैं उस घटना को याद करता हूँ, तो मुझे शर्म नहीं आती, बस हंसी आती है। सच में, कभी-कभी सबसे शर्मनाक पल सबसे मजेदार यादें बन जाते हैं।
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