"बुधवार को 'India's Narendra Modi and China's Xi Jinping' के बीच कज़ान, 'Russia' में हुई बैठक पांच वर्षों में पहली थी, और इसे 'Washington, Ottawa' और अन्य 'Western capitals' में निराशा की दृष्टि से देखा जा सकता है।
हालांकि यह शायद एक नए 'Beijing-New Delhi' अक्ष की शुरुआत नहीं है, यह संकेत अवश्य देता है कि भारत 'anti-Beijing Western alliance' का हिस्सा बनने के लिए तैयार नहीं है, भले ही 'U.S.' और कुछ अन्य देश इसे मनाने का प्रयास कर रहे हों।
यहां तक कि 'Russian invasion of Ukraine' जैसे तनावपूर्ण मुद्दे पर भी, जहाँ भारत 'Russian oil' का शोधन कर रहा है और शायद 'U.S.' इससे खुश नहीं है, परन्तु साथ ही उनकी इसमें दिलचस्पी भी है क्योंकि इससे तेल की कीमतें कम बनी रहती हैं और महंगाई पर नियंत्रण बना रहता है। तो इसमें कई कारक काम कर रहे हैं।
इन सभी महाशक्ति गतिशीलताओं के बीच, हत्या के षड्यंत्र बहुत अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं। भारत यह जानता है और यह भी समझता है कि इस समय वह एक प्रशंसनीय कूटनीतिक स्थिति में है, जहाँ हर कोई उसे अपनी टीम में चाहता है। और विशेषज्ञों का मानना है कि ये भू-राजनीतिक विचार संभवतः अन्य सभी कारणों पर हावी रहेंगे।"
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https://www.yahoo.com/news/india-makes- ... 00500.html
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 'Western alliance' में रुचि नहीं रखता।
Re: भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 'Western alliance' में रुचि नहीं रखता।
भारत ने हमेशा से एक असंलग्न देश के रूप में अपनी पहचान बनाए रखने की कोशिश की है। यह किसी भी विशेष शक्ति या गुट के साथ गठबंधन नहीं करना चाहता। भारत विभिन्न देशों के साथ संबंध बनाए रखता है और किसी एक देश या समूह पर निर्भर नहीं रहना चाहता।