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Missing those fun...
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मैं अक्सर अपने स्कूल के दिनों में ऐसा करता हूं ... विशेष रूप से अंतराल समय के दौरान ...।
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Re: Missing those fun...
हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
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Re: Missing those fun...
मैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:58 am हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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Re: Missing those fun...
अंताक्षरी में और क्रॉस जीरो वाले गेम में आज तक हम हारे नहीं है ।हमारा रिकार्ड है। अंताक्षरी तो हम नींद से उठा कर खेलने लगा दो तब खेलेंगे और जीतेंगे जिस टीम में हम हुआ करते थे जीत उसी की हुआ करती थी रेडियो बड़ा सुना करते थे आज भी सुनते हैं कोई ही गाना ऐसा होगा जो हमें ना आता हो। हां यह आजकल के नए गाने हमें पसंद नहीं है।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:13 pmमैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:58 am हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।
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Re: Missing those fun...
ऐसे खुले मंच से आप हमें छुपी हुई चुनौती दे रही हैं हालांकि मुझे खेल बहुत दिन भी हो गया है लेकिन फिर भी उम्मीद है कि आप को जीतने नहीं दूंगा हालांकि यह संभव नहीं है और ऑनलाइन दो विभिन्न स्थानों पर रहते हुए हम सिर्फ लूडो या के आदि गेम ही खेल सकते हैं इसमें कोई रुचि हो तो हमें जरूर बताइएगा प्रतिस्पर्धा किया जाएगा नकद 21 रुपए के इनाम के लिएBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:31 pmअंताक्षरी में और क्रॉस जीरो वाले गेम में आज तक हम हारे नहीं है ।हमारा रिकार्ड है। अंताक्षरी तो हम नींद से उठा कर खेलने लगा दो तब खेलेंगे और जीतेंगे जिस टीम में हम हुआ करते थे जीत उसी की हुआ करती थी रेडियो बड़ा सुना करते थे आज भी सुनते हैं कोई ही गाना ऐसा होगा जो हमें ना आता हो। हां यह आजकल के नए गाने हमें पसंद नहीं है।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:13 pmमैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:58 am हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।
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Re: Missing those fun...
दूर रहकर अंताक्षरी खेलने क्यों संभव नहीं है कॉल पर खेली जा सकती है आपको तो सिर्फ उम्मीद है कि आप मुझे जितने नहीं देंगे मुझे विश्वास है कि मैं ही जीतूंगी आपने तो रेडियो सुना छोड़ दिया होगा हम आज भी रेडियो सुनते हैं और विविध भारती पर गाने ही गाने आते हैं हमारा तो दोहराव होता ही रहता है आप अपनी बताइए चलिए यदि आप जीते तो हम आपको 101 देंगेmanish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:55 pmऐसे खुले मंच से आप हमें छुपी हुई चुनौती दे रही हैं हालांकि मुझे खेल बहुत दिन भी हो गया है लेकिन फिर भी उम्मीद है कि आप को जीतने नहीं दूंगा हालांकि यह संभव नहीं है और ऑनलाइन दो विभिन्न स्थानों पर रहते हुए हम सिर्फ लूडो या के आदि गेम ही खेल सकते हैं इसमें कोई रुचि हो तो हमें जरूर बताइएगा प्रतिस्पर्धा किया जाएगा नकद 21 रुपए के इनाम के लिएBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:31 pmअंताक्षरी में और क्रॉस जीरो वाले गेम में आज तक हम हारे नहीं है ।हमारा रिकार्ड है। अंताक्षरी तो हम नींद से उठा कर खेलने लगा दो तब खेलेंगे और जीतेंगे जिस टीम में हम हुआ करते थे जीत उसी की हुआ करती थी रेडियो बड़ा सुना करते थे आज भी सुनते हैं कोई ही गाना ऐसा होगा जो हमें ना आता हो। हां यह आजकल के नए गाने हमें पसंद नहीं है।manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:13 pm
मैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।
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Re: Missing those fun...
आरंभ है प्रचंड है।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 3:45 pmदूर रहकर अंताक्षरी खेलने क्यों संभव नहीं है कॉल पर खेली जा सकती है आपको तो सिर्फ उम्मीद है कि आप मुझे जितने नहीं देंगे मुझे विश्वास है कि मैं ही जीतूंगी आपने तो रेडियो सुना छोड़ दिया होगा हम आज भी रेडियो सुनते हैं और विविध भारती पर गाने ही गाने आते हैं हमारा तो दोहराव होता ही रहता है आप अपनी बताइए चलिए यदि आप जीते तो हम आपको 101 देंगेmanish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:55 pmऐसे खुले मंच से आप हमें छुपी हुई चुनौती दे रही हैं हालांकि मुझे खेल बहुत दिन भी हो गया है लेकिन फिर भी उम्मीद है कि आप को जीतने नहीं दूंगा हालांकि यह संभव नहीं है और ऑनलाइन दो विभिन्न स्थानों पर रहते हुए हम सिर्फ लूडो या के आदि गेम ही खेल सकते हैं इसमें कोई रुचि हो तो हमें जरूर बताइएगा प्रतिस्पर्धा किया जाएगा नकद 21 रुपए के इनाम के लिएBhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 2:31 pm
अंताक्षरी में और क्रॉस जीरो वाले गेम में आज तक हम हारे नहीं है ।हमारा रिकार्ड है। अंताक्षरी तो हम नींद से उठा कर खेलने लगा दो तब खेलेंगे और जीतेंगे जिस टीम में हम हुआ करते थे जीत उसी की हुआ करती थी रेडियो बड़ा सुना करते थे आज भी सुनते हैं कोई ही गाना ऐसा होगा जो हमें ना आता हो। हां यह आजकल के नए गाने हमें पसंद नहीं है।
आप मुझे अंताक्षरी में नहीं जीत पाएंगे हां किसी दिन मोबाइल पर खेल भी लेते हैं कुछ शर्तों के साथ और कुछ बड़े प्राइस मनी के साथ क्योंकि बाद प्राइस जितना मुझे ही तो बेहतर कर लेता हूं मुझे क्या जीत में चाहिए तो यह निश्चित रूप से अंताक्षरी आपके साथ खेलना बहुत अच्छा होगा।
और वाकई बचपन के दोनों को याद करके काफी अच्छा महसूस होता है और उन पलों को इसमें खास तौर से हमने शब्द बिना किसी भाव के अपने मित्रों दोस्तों भाई बहनों के साथ एक साथ बैठकर किसी भी कार्य को किया तो बाकी अच्छा भी बहुत लगता है वह।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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Re: Missing those fun...
चलिए! अंताक्षरी में यह शर्त रखते हैं कि जो जीतेगा वह दूसरे को मंगल ग्रह पर लेकर जाएगा उसकी टिकट वगैरा कटवा देगा और साथ में जो खाने-पीने का सामान चाहिए वह सब उसे पैक करके देगा और जो उसे कपड़े वगैरह चाहिए वह सब दिलवाएगा। पानी की बोतल वगैरा और हां वहां पर जाकर अगर इंटरनेट नहीं चला तो उसे अपना हॉटस्पॉट भी देना होगा, फ्री टाइम में यूट्यूब /नेटफ्लिक्स पर कोई मूवी ही देख लेंगे वहां।manish.bryan wrote: Sat Nov 16, 2024 5:51 pmआरंभ है प्रचंड है।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 3:45 pmदूर रहकर अंताक्षरी खेलने क्यों संभव नहीं है कॉल पर खेली जा सकती है आपको तो सिर्फ उम्मीद है कि आप मुझे जितने नहीं देंगे मुझे विश्वास है कि मैं ही जीतूंगी आपने तो रेडियो सुना छोड़ दिया होगा हम आज भी रेडियो सुनते हैं और विविध भारती पर गाने ही गाने आते हैं हमारा तो दोहराव होता ही रहता है आप अपनी बताइए चलिए यदि आप जीते तो हम आपको 101 देंगेmanish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 2:55 pm
ऐसे खुले मंच से आप हमें छुपी हुई चुनौती दे रही हैं हालांकि मुझे खेल बहुत दिन भी हो गया है लेकिन फिर भी उम्मीद है कि आप को जीतने नहीं दूंगा हालांकि यह संभव नहीं है और ऑनलाइन दो विभिन्न स्थानों पर रहते हुए हम सिर्फ लूडो या के आदि गेम ही खेल सकते हैं इसमें कोई रुचि हो तो हमें जरूर बताइएगा प्रतिस्पर्धा किया जाएगा नकद 21 रुपए के इनाम के लिए
आप मुझे अंताक्षरी में नहीं जीत पाएंगे हां किसी दिन मोबाइल पर खेल भी लेते हैं कुछ शर्तों के साथ और कुछ बड़े प्राइस मनी के साथ क्योंकि बाद प्राइस जितना मुझे ही तो बेहतर कर लेता हूं मुझे क्या जीत में चाहिए तो यह निश्चित रूप से अंताक्षरी आपके साथ खेलना बहुत अच्छा होगा।
और वाकई बचपन के दोनों को याद करके काफी अच्छा महसूस होता है और उन पलों को इसमें खास तौर से हमने शब्द बिना किसी भाव के अपने मित्रों दोस्तों भाई बहनों के साथ एक साथ बैठकर किसी भी कार्य को किया तो बाकी अच्छा भी बहुत लगता है वह।
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Re: Missing those fun...
manish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:13 pmमैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:58 am हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।
हमें तो आज भी थोड़ा सा अंतराल मिले तो लूडो खेल लेते हैं। बचपन की तो बात ही अलग थी। स्कूल टाइम्स के गेम्स अब तो ना किसी के पास समय है और ना उत्साह सब इंटरनेट की दुनिया में बिजी हैं। पर लूडो सबसे मनोरंजन वाला गेम है। जब किसी की गोटी मरती है बड़ा मजा आता है। परिवार के साथ मिलकर खेलने का मजा ही कुछ और है आप तो इंटरनेट का जमाना है किसी भी कोने से कोई भी खेल सकता है ऑनलाइन गेम अब पहले जैसी बात कहां। पहले तो कितने गेम होते थे।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:06 pmचलिए! अंताक्षरी में यह शर्त रखते हैं कि जो जीतेगा वह दूसरे को मंगल ग्रह पर लेकर जाएगा उसकी टिकट वगैरा कटवा देगा और साथ में जो खाने-पीने का सामान चाहिए वह सब उसे पैक करके देगा और जो उसे कपड़े वगैरह चाहिए वह सब दिलवाएगा। पानी की बोतल वगैरा और हां वहां पर जाकर अगर इंटरनेट नहीं चला तो उसे अपना हॉटस्पॉट भी देना होगा, फ्री टाइम में यूट्यूब /नेटफ्लिक्स पर कोई मूवी ही देख लेंगे वहां।manish.bryan wrote: Sat Nov 16, 2024 5:51 pmआरंभ है प्रचंड है।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 3:45 pm
दूर रहकर अंताक्षरी खेलने क्यों संभव नहीं है कॉल पर खेली जा सकती है आपको तो सिर्फ उम्मीद है कि आप मुझे जितने नहीं देंगे मुझे विश्वास है कि मैं ही जीतूंगी आपने तो रेडियो सुना छोड़ दिया होगा हम आज भी रेडियो सुनते हैं और विविध भारती पर गाने ही गाने आते हैं हमारा तो दोहराव होता ही रहता है आप अपनी बताइए चलिए यदि आप जीते तो हम आपको 101 देंगे
आप मुझे अंताक्षरी में नहीं जीत पाएंगे हां किसी दिन मोबाइल पर खेल भी लेते हैं कुछ शर्तों के साथ और कुछ बड़े प्राइस मनी के साथ क्योंकि बाद प्राइस जितना मुझे ही तो बेहतर कर लेता हूं मुझे क्या जीत में चाहिए तो यह निश्चित रूप से अंताक्षरी आपके साथ खेलना बहुत अच्छा होगा।
और वाकई बचपन के दोनों को याद करके काफी अच्छा महसूस होता है और उन पलों को इसमें खास तौर से हमने शब्द बिना किसी भाव के अपने मित्रों दोस्तों भाई बहनों के साथ एक साथ बैठकर किसी भी कार्य को किया तो बाकी अच्छा भी बहुत लगता है वह।
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Re: Missing those fun...
हां बहुत खेल लूडो, कई बार दो लोग होते थे कई बार चार लोग होते थे मजा आता था लेकिन मुझे ज्यादा शतरंज खेलने में मजा आता था शतरंज एक रॉयल गेम है। जब शतरंज खेलने नहीं आता था और कभी टीवी वगैरह में देख लेते किसी को खेलते हुए तो बड़ा ही संभव होता था कि आखिर यह होता क्या है फिर सीखी और बहुत लोगों को सिखाई भी बहुत खेली, आज भी कोई पूछे तो शतरंज खेलने को तो तुरंत तैयार हो जाए।Sonal singh wrote: Tue Nov 19, 2024 5:02 pmmanish.bryan wrote: Fri Nov 15, 2024 1:13 pmमैं भी अपने घर पर छोटी बहन के साथ अंताक्षरी का खेल खिला करता था और विद्या मंदिर के समय अपने दोस्तों के साथ क्रॉस और जीरो वाला गेम जिसे आधुनिक समाज में टिकटोक टो तो नाम से जाना जाता है खेलता था।Bhaskar.Rajni wrote: Fri Nov 15, 2024 8:58 am हम लोग तो स्कूल के अंतराल में अंताक्षरी खेल करते थे बड़ा ही मजा आता था एक टीम उधर एक टीम इधर कर रौनक लगती थी उस समय रेडियो भी बड़े प्रचलित है तो सारा दिन रेडियो चलता रहता था गाने दिमाग में रहते ही थे और ऐसा कौन था हमें जो अंताक्षरी में हरा दे
जब मैं बहुत छोटा था तो समय में कुश्ती का खेल खेड़ा करता था अपने सभी दोस्तों को लगभग हर दिया करता था सिर्फ एक संजय को नहीं हर पता था साथ में एक नीतू नाम की लड़की थी वह मुझे उठाकर पटक दिया करती थी क्योंकि पति लेकिन बहुत ताकत से भरपूर थी व्हाट भी दिखती है तो मुझे पटकनी खाने खुद को पढ़ी जाती है।हमें तो आज भी थोड़ा सा अंतराल मिले तो लूडो खेल लेते हैं। बचपन की तो बात ही अलग थी। स्कूल टाइम्स के गेम्स अब तो ना किसी के पास समय है और ना उत्साह सब इंटरनेट की दुनिया में बिजी हैं। पर लूडो सबसे मनोरंजन वाला गेम है। जब किसी की गोटी मरती है बड़ा मजा आता है। परिवार के साथ मिलकर खेलने का मजा ही कुछ और है आप तो इंटरनेट का जमाना है किसी भी कोने से कोई भी खेल सकता है ऑनलाइन गेम अब पहले जैसी बात कहां। पहले तो कितने गेम होते थे।Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:06 pmचलिए! अंताक्षरी में यह शर्त रखते हैं कि जो जीतेगा वह दूसरे को मंगल ग्रह पर लेकर जाएगा उसकी टिकट वगैरा कटवा देगा और साथ में जो खाने-पीने का सामान चाहिए वह सब उसे पैक करके देगा और जो उसे कपड़े वगैरह चाहिए वह सब दिलवाएगा। पानी की बोतल वगैरा और हां वहां पर जाकर अगर इंटरनेट नहीं चला तो उसे अपना हॉटस्पॉट भी देना होगा, फ्री टाइम में यूट्यूब /नेटफ्लिक्स पर कोई मूवी ही देख लेंगे वहां।manish.bryan wrote: Sat Nov 16, 2024 5:51 pm
आरंभ है प्रचंड है।
आप मुझे अंताक्षरी में नहीं जीत पाएंगे हां किसी दिन मोबाइल पर खेल भी लेते हैं कुछ शर्तों के साथ और कुछ बड़े प्राइस मनी के साथ क्योंकि बाद प्राइस जितना मुझे ही तो बेहतर कर लेता हूं मुझे क्या जीत में चाहिए तो यह निश्चित रूप से अंताक्षरी आपके साथ खेलना बहुत अच्छा होगा।
और वाकई बचपन के दोनों को याद करके काफी अच्छा महसूस होता है और उन पलों को इसमें खास तौर से हमने शब्द बिना किसी भाव के अपने मित्रों दोस्तों भाई बहनों के साथ एक साथ बैठकर किसी भी कार्य को किया तो बाकी अच्छा भी बहुत लगता है वह।