रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Warrior
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रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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रवींद्रनाथ ठाकुर, जिन्हें रवींद्रनाथ ठाकुर के नाम से भी जाना जाता है, ने भारतीय साहित्य में कई प्रमुख और प्रसिद्ध कविताएँ लिखीं। यहाँ उनकी कुछ लोकप्रिय कविताओं की सूची दी गई है:

1. "गीतांजलि" - यह संग्रह रवींद्रनाथ ठाकुर की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में से एक है और इसमें उनकी कई उत्कृष्ट कविताएँ शामिल हैं। इस संग्रह में "जब तुम आओगे," "मेरे मन की बात," और "मुझे छूने दो" जैसी कविताएँ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।

2. "आनंद शील्पी" - इसमें प्रेम, सौंदर्य और मानवता पर आधारित कविताएँ हैं।

3. "श्रधांजलि" - इस संग्रह में रवींद्रनाथ ठाकुर की कई अन्य महत्वपूर्ण कविताएँ शामिल हैं।

4. "नौका डूबी" - यह कविता भी उनकी प्रसिद्ध काव्य रचनाओं में शामिल है, जो जीवन और मृत्यु के विषय पर आधारित है।

5. "प्रभात" - यह कविता दिन की शुरुआत और नए जीवन की उम्मीदों को दर्शाती है।

6. "मधुराक्षी" - इसमें प्रेम और जीवन के सुंदरता का चित्रण किया गया है।

7. "गुप्त" - इस कविता में मानव भावनाओं और आत्मा के गहरे रहस्यों की बात की गई है।

8. "तुम्हारे पास आऊंगा" - इस कविता में प्रेम की गहन भावनाओं को व्यक्त किया गया है।

रवींद्रनाथ ठाकुर की कविताएँ उनकी अद्वितीय संवेदनशीलता और गहरी समझ को प्रकट करती हैं, और उन्होंने भारतीय साहित्य को एक नया आयाम दिया। उनकी कविताएँ आज भी लोगों के दिलों को छूने और उन्हें प्रेरित करने का काम करती हैं।
johny888
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by johny888 »

रवींद्रनाथ टैगोर को भारत का गौरव कहा जाता है और उनकी कविताएं न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। उनकी कविताओं में प्रकृति, प्रेम, जीवन और मानवीय मूल्यों का बहुत ही खूबसूरत चित्रण मिलता है। वो सिर्फ बंगाली साहित्य के ही नहीं, विश्व साहित्य के एक महान कवि थे।
Bhaskar.Rajni
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Bhaskar.Rajni »

नेटफ्लिक्स पर एक कहानियों का संग्रह आता था उसमें रविंद्र नाथ की कहानियों का फिल्मांकन किया गया था उसमें एक 'ब्रोकन नेक्स्ट' कहानी थी जो बहुत अच्छी लगी हालांकि उस कहानी का अंत सुखद नहीं था लेकिन उसमें एक जो भाव को दिखाया गया था वह वाकई विचारणीय है। मानवीय भावों को समझने की अच्छा समर्थ था रविंद्र नाथ टैगोर के अंदर यह उनकी कहानियों में देखने को मिलता है।
Harendra Singh
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Harendra Singh »

रवींद्रनाथ टैगोर कीलोकप्रिय कविताएँ
आत्मत्राण
याद आना
खो जाना
धूलि-मंदिर
दीदी
रूप-नारान के तट पर
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Harendra Singh
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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रवींद्रनाथ टैगोर कीलोकप्रिय कविताएँ
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Sonal singh
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Sonal singh »

रविंद्र नाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएं 1 लुका चुप्पी , सोनी चौकी , प्रथम दिन का , प्रार्थना ,मधुमेह धरती की धूल , आशंका ,मदन दहन के बाद.
Realrider
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Realrider »

हमारे राष्ट्रीय गीत Jana Gana Mana के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य साझा करना चाहता हूँ...

1950 में जब Jana Gana Mana को आधिकारिक रूप से भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया, उससे पहले यह गीत 1945 की फिल्म Hamrahi में सुना गया था। इसे 1935 में देहरादून के The Doon School का स्कूल गीत भी अपनाया गया था।
Harendra Singh
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Harendra Singh »

हो चित्त जहाँ भय-शून्य, माथ हो उन्नत', 'धीरे चलो, धीरे बंधु', 'सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन', 'यह कौन विरहणी आती' और 'चीन्हूँ मैं चीन्हूँ तुम्हें ओ, विदेशिनी'
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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यहां रवींद्रनाथ टैगोर से जुड़ी कुछ अनजानी और दिलचस्प बातें दी गई हैं:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुआ था। उनका परिवार संस्कृति और साहित्य में गहरी रुचि रखता था, और वे प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त करते थे। उन्होंने पश्चिमी और भारतीय शास्त्रों का गहन अध्ययन किया, हालांकि वे कभी औपचारिक रूप से स्कूल में नहीं गए।

2. "Jana Gana Mana" का जन्म:
रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित "Jana Gana Mana" (जो बाद में भारत का राष्ट्रीय गान बना) की रचना 1911 में की गई थी। यह गान भारतीय विविधता और एकता का प्रतीक है, और यह पहली बार 27 दिसंबर 1911 को काउन्सिल हॉल में गाया गया था।

3. नोबेल पुरस्कार प्राप्ति:
रवींद्रनाथ टैगोर 1913 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय और पहले गैर-यूरोपीय लेखक बने। उन्होंने यह पुरस्कार अपनी काव्य संग्रह गीतांजलि के लिए प्राप्त किया था, जो कि एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक कार्य था।

4. वैश्विक यात्रा:
टैगोर ने यूरोप, अमेरिका, जापान, चीन और कई अन्य देशों की यात्रा की। उन्होंने पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति के बारे में गहरी समझ विकसित की, और यही कारण है कि उनके साहित्य में पश्चिमी और भारतीय दर्शन का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है।

5. शांतिनिकेतन और शिक्षा:
टैगोर ने 1921 में शांतिनिकेतन में विष्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका मानना था कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं, कला, संगीत, नृत्य, और प्रकृति के साथ मिलकर विकसित होनी चाहिए।

6. काव्य रचनाएँ और संगीत:
रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग 2,000 गीतों की रचना की, जो Rabindra Sangeet के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन गीतों का भारतीय संगीत में अहम स्थान है। उन्होंने स्वयं इन गीतों को गाया और संगीतबद्ध भी किया।

7. राजनीतिक दृष्टिकोण:
टैगोर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक समर्थक थे, लेकिन वे अहिंसा और आत्मनिर्भरता के पक्षधर थे। उन्होंने महात्मा गांधी के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे, हालांकि, वे गांधी जी के साथ कुछ राजनीतिक मुद्दों पर असहमत भी थे।

8. कला और चित्रकला में रुचि:
टैगोर ने चित्रकला में भी हाथ आजमाया। उन्होंने जीवन के अंतिम वर्षों में सैकड़ों चित्र बनाए, जिनमें अमूर्त चित्रकला और मानव चेहरों की अद्वितीय रचनाएँ थीं। उनका मानना था कि कला एक आत्मिक अनुभव है, जो हर किसी के लिए अलग होता है।

9. बंगाल से बाहर प्रभाव:
रवींद्रनाथ टैगोर का प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उनके साहित्य और विचारों ने विश्वभर में भी गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने पश्चिमी देशों में भारतीय संस्कृति और साहित्य को प्रस्तुत किया और भारतीय सृजनशीलता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

10. रवींद्रनाथ टैगोर का नामकरण:
टैगोर का नाम पहले "रवींद्रनाथ ठाकुर" था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे "रवींद्रनाथ टैगोर" में बदल लिया। "टैगोर" शब्द उनके परिवार के द्वारा अपनाया गया उपनाम था, जो बंगाल के एक कुलीन परिवार से संबंधित था।

ये कुछ अनजानी और दिलचस्प बातें हैं जो रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में हैं, और जो उनके जीवन और योगदान को और अधिक रोचक बनाती हैं।
Realrider wrote: Sun Dec 08, 2024 7:23 pm हमारे राष्ट्रीय गीत Jana Gana Mana के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य साझा करना चाहता हूँ...

1950 में जब Jana Gana Mana को आधिकारिक रूप से भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया, उससे पहले यह गीत 1945 की फिल्म Hamrahi में सुना गया था। इसे 1935 में देहरादून के The Doon School का स्कूल गीत भी अपनाया गया था।
Suman sharma
400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

Post by Suman sharma »

Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 5:21 pm नेटफ्लिक्स पर एक कहानियों का संग्रह आता था उसमें रविंद्र नाथ की कहानियों का फिल्मांकन किया गया था उसमें एक 'ब्रोकन नेक्स्ट' कहानी थी जो बहुत अच्छी लगी हालांकि उस कहानी का अंत सुखद नहीं था लेकिन उसमें एक जो भाव को दिखाया गया था वह वाकई विचारणीय है। मानवीय भावों को समझने की अच्छा समर्थ था रविंद्र नाथ टैगोर के अंदर यह उनकी कहानियों में देखने को मिलता है।
टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और सहस्रो गाने भी लिखे हैं। वे अधिकतम अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते हैं। गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियाँ बहुत लोकप्रिय रही हैं। टैगोर ने इतिहास, भाषाविज्ञान और आध्यात्मिकता से जुड़ी पुस्तकें भी लिखी थीं।
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