प्रेमियों के लिए कविता
प्रेमियों के लिए कविता
कविता 1:
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा लगता है,
तू जो पास हो, तो हर ख्वाब पूरा लगता है।
तेरी मुस्कान की चमक से रोशन है मेरा जहाँ,
तेरे साथ बिताया हर पल, जैसे एक प्यारा अफसाना।
---
कविता 2:
तेरे इश्क में खो गया हूँ मैं,
तेरी बाहों में सो गया हूँ मैं।
हर सुबह तेरी यादों से शुरू होती है,
तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।
---
कविता 3:
तू है तो मेरा दिल महकता है,
तेरे साथ चलकर हर ग़म मिटता है।
तेरे बिना ये सारा जहाँ सूना है,
तेरे प्रेम में ही मेरा हर ख्वाब छुपा है।
---
कविता 4:
तेरी आँखों में समंदर की गहराई है,
तेरे बिना इस दिल की हर धड़कन निस्सार है।
तेरे साथ बिताए हर पल की खूबसूरती,
जैसे चाँद की चाँदनी में बसी सारा प्यार है।
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा लगता है,
तू जो पास हो, तो हर ख्वाब पूरा लगता है।
तेरी मुस्कान की चमक से रोशन है मेरा जहाँ,
तेरे साथ बिताया हर पल, जैसे एक प्यारा अफसाना।
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कविता 2:
तेरे इश्क में खो गया हूँ मैं,
तेरी बाहों में सो गया हूँ मैं।
हर सुबह तेरी यादों से शुरू होती है,
तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।
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कविता 3:
तू है तो मेरा दिल महकता है,
तेरे साथ चलकर हर ग़म मिटता है।
तेरे बिना ये सारा जहाँ सूना है,
तेरे प्रेम में ही मेरा हर ख्वाब छुपा है।
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तेरी आँखों में समंदर की गहराई है,
तेरे बिना इस दिल की हर धड़कन निस्सार है।
तेरे साथ बिताए हर पल की खूबसूरती,
जैसे चाँद की चाँदनी में बसी सारा प्यार है।
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- सात सो!!!! पोस्टिंग के साथ !!! लाहौल विला कुव्वत!!!
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
कुछ एक शायरी प्रेमियों के लिए यहाँ भी है
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
तेरी आँखों का नूर, मेरी राह रोशन करता है,
तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
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तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
तेरे साथ में जीवन है
तेरी बातों में मधुबन सी
तेरी यादें समीर के झौंके
सूरत तेरी सुमन सी
तू क्या है मेरे लिए
शब्दों में कैसे लिखूं
सारी कायनात हो जैसे
इसे शब्दों में कैसे भरूं?
तेरी बातों में मधुबन सी
तेरी यादें समीर के झौंके
सूरत तेरी सुमन सी
तू क्या है मेरे लिए
शब्दों में कैसे लिखूं
सारी कायनात हो जैसे
इसे शब्दों में कैसे भरूं?
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- जीयो मेरे लाल, दोहरा शतक पूर्ण ....!!!
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
मीलों जहां न पता खुशी का...
मैं पीड़ा का राजकुंवर हूं तुम शहज़ादी रूप नगर की
हो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहां पर होगा ?
मीलों जहां न पता खुशी का
मैं उस आंगन का इकलौता,
तुम उस घर की कली जहां नित
होंठ करें गीतों का न्योता,
मेरी उमर अमावस काली और तुम्हारी पूनम गोरी
मिल भी गई राशि अपनी तो बोलो लगन कहां पर होगा ?
मैं पीड़ा का..
मैं पीड़ा का राजकुंवर हूं तुम शहज़ादी रूप नगर की
हो भी गया प्यार हम में तो बोलो मिलन कहां पर होगा ?
मीलों जहां न पता खुशी का
मैं उस आंगन का इकलौता,
तुम उस घर की कली जहां नित
होंठ करें गीतों का न्योता,
मेरी उमर अमावस काली और तुम्हारी पूनम गोरी
मिल भी गई राशि अपनी तो बोलो लगन कहां पर होगा ?
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
खुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की,johny888 wrote: Tue Oct 22, 2024 7:40 pm कुछ एक शायरी प्रेमियों के लिए यहाँ भी है
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
तेरी आँखों का नूर, मेरी राह रोशन करता है,
तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
खिड़की खुली है गालिबन उनके मकान की
हारे हुए परिन्दे ज़रा उड़ के देख तो,
आ जायेगी जमीन पे छत आसमान की
बुझ जाये सरे आम ही जैसे कोई चिराग,
कुछ यूं है शुरुआत मेरी दास्तान की
-
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
हर गलत मोड़ पे टोका है किसी ने मुझको,Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 12:57 pm तेरे साथ में जीवन है
तेरी बातों में मधुबन सी
तेरी यादें समीर के झौंके
सूरत तेरी सुमन सी
तू क्या है मेरे लिए
शब्दों में कैसे लिखूं
सारी कायनात हो जैसे
इसे शब्दों में कैसे भरूं?
एक आवाज़ जब से तेरी मेरे साथ हुई
मैंने सोचा कि मेरे प्रेम की हालत क्या है,
एक कातिल से तभी मेरी मुलाक़ात हुई
-
- 300 से 400 की ओर, रोको बा रोको ... !!!
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई...
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
आप मत पूछिए क्या हम पे सफ़र में गुजरी?
था लुटेरों का जहाँ गाँव वहीं रात हुई
ज़िंदगी-भर तो हुई गुफ़्तगू गैरों से मगर,
आज तक हमसे न हमारी मुलाक़ात हुई
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
आप मत पूछिए क्या हम पे सफ़र में गुजरी?
था लुटेरों का जहाँ गाँव वहीं रात हुई
ज़िंदगी-भर तो हुई गुफ़्तगू गैरों से मगर,
आज तक हमसे न हमारी मुलाक़ात हुई
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए...Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 5:26 pmखुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की,johny888 wrote: Tue Oct 22, 2024 7:40 pm कुछ एक शायरी प्रेमियों के लिए यहाँ भी है
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
तेरी आँखों का नूर, मेरी राह रोशन करता है,
तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
खिड़की खुली है गालिबन उनके मकान की
हारे हुए परिन्दे ज़रा उड़ के देख तो,
आ जायेगी जमीन पे छत आसमान की
बुझ जाये सरे आम ही जैसे कोई चिराग,
कुछ यूं है शुरुआत मेरी दास्तान की
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।
जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।
आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाए कहां जाके नहाया जाए।
प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए।
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
याद है सर्दियों की सुबह
जब धुँध से आँख मिलाकर
तुमसे मिलने आया करता था मैं
और तुम उनींदी आँखों से मेट्रो की सीढ़ियों पर
बाट जोहा करती थीं मेरी
अपनी ठंडे हाथ तुम्हारी गर्म हथेलियों में रखकर
दुहराता था केदारनाथ सिंह की कविता
जब धुँध से आँख मिलाकर
तुमसे मिलने आया करता था मैं
और तुम उनींदी आँखों से मेट्रो की सीढ़ियों पर
बाट जोहा करती थीं मेरी
अपनी ठंडे हाथ तुम्हारी गर्म हथेलियों में रखकर
दुहराता था केदारनाथ सिंह की कविता
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Re: प्रेमियों के लिए कविता
उसका हाथjohny888 wrote: Tue Oct 22, 2024 7:40 pm कुछ एक शायरी प्रेमियों के लिए यहाँ भी है
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
तेरी आँखों का नूर, मेरी राह रोशन करता है,
तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा
दुनिया को
हाथ की तरह गर्म और सुंदर होना चाहिए
तुम लजाकर झटक देती थीं मेरा हाथ
और मेरे चश्मे के दोनों लेंस पर
कन्नी उँगली से लिख देती थीं अपने नाम के दो अक्षर
तुम्हें शिकायत रहती थी