Source: https://www.indiatv.in/paisa/business/f ... 17-1060744पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था।
फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैन्डर्ड बोर्ड(एफपीएसबी) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कृष्ण मिश्रा ने बुधवार को कहा कि देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या है क्योंकि लगभग 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी अगले पांच साल में 1.5 लाख नौकरियां जेनरेट करेगा। अभी यहां करीब 6,000 कर्मचारी वित्तीय सेवा क्षेत्र में हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार के नेशनल करियर सर्विसेज पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इनमें से सिर्फ 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था। इसका कारण रोजगार हासिल करने की काबिलियत है।
ट्रेंड लोगों की जरूरत होती है
उन्होंने कहा कि नौकरियां तो हैं, लेकिन लोग उतने काबिल नहीं हैं कि उसे ले सकें। मिश्रा ने कहा कि बैंकों, बीमा कंपनियों, ब्रोकरेज हाउस और म्यूचुअल फंड कंपनियों को हमेशा ट्रेंड लोगों की जरूरत होती है। अगर आप ऑनलाइन नौकरी खोजते हैं, तो आप पाएंगे कि उपलब्ध प्रमाणित वित्तीय नियोजकों (सीएफपी) की संख्या की तुलना में लगभग 40 गुना अधिक नौकरियां हैं। एफपीएसबी इंडिया, फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड लि.(एफपीएसबी लिमिटेड) की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी है। यह वित्तीय नियोजन पेशे के लिए वैश्विक मानक-निर्धारण से जुड़ा निकाय है।
भारत में 2,731 प्रमाणित सीएफपी पेशेवर
मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में, भारत में 2,731 प्रमाणित सीएफपी पेशेवर हैं जबकि पूरी दुनिया भर में इनकी संख्या 2.23 लाख है। भारत में 2030 तक लगभग 10,000 सीएफपी होंगे जबकि मांग के कारण जरूरत 1,00,000 की होगी। उन्होंने कहा कि भारत में व्यक्तिगत वित्त को नजरअंदाज किया गया। लोगों ने सोचा कि वित्तीय नियोजन बड़े लोगों के लिए है। लेकिन, वास्तव में, धन प्रबंधन बड़े लोगों के लिए है जबकि वित्तीय योजना सभी के लिए है।
हमें वित्तीय रूप से शिक्षित होने की जरूरत है। मिश्रा ने कहा कि हम गिफ्ट सिटी में काफी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रतिभा की कमी है। आज बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र की लगभग 628 कंपनियों के कार्यालय गिफ्ट सिटी में हैं। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में वहां लगभग 1.5 लाख लोगों की जरूरत होगी। ये नौकरियां ज्यादातर वितरण और प्रबंधन के क्षेत्र में होंगी। इससे प्रमाणित वित्तीय नियोजकों की काफी मांग होगी।
देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या! इस सेक्टर में 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
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8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या! इस सेक्टर में 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं
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- सात सो!!!! पोस्टिंग के साथ !!! लाहौल विला कुव्वत!!!
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- Joined: Sun Oct 13, 2024 12:32 am
Re: देश में रोजगार पाने की काबिलियत की समस्या! इस सेक्टर में 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं
इसका सीधा सा कारण है की देश में उच्च स्तर की विशेषज्ञता और कौशल की मांग वाले क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी है। कई बार योग्य उम्मीदवारों की कमी होती है, या उम्मीदवारों के पास उन विशिष्ट कौशलों का अभाव होता है जिनकी आवश्यकता इन नौकरियों के लिए होती है।