उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के शीर्ष भारतीय लेखक
Posted: Tue Oct 15, 2024 4:49 pm
उन्नीसवीं सदी के लेखक
1. रवींद्रनाथ ठाकुर (1861-1941): कवि, लेखक और संगीतकार, जिन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी प्रसिद्ध कृति "गितांजलि" है।
2. गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915): समाज सुधारक और राजनीतिक नेता, जिन्होंने समाज में सुधार के लिए कई लेखन किए।
3. जगन्नाथ दास (1869-1944): साहित्यकार और समाज सुधारक, जिन्होंने हिंदी और संस्कृत में अनेक काव्य रचनाएँ कीं।
4. मुल्कराज आनंद (1905-2004): हिंदी और अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, जिन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।
बीसवीं सदी के लेखक
1. प्रेमचंद (1880-1936): हिंदी और उर्दू के महान लेखक, जिन्हें "कृष्णा" और "गबन" जैसे उपन्यासों के लिए जाना जाता है।
2. सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन (गुलजार) (1906-1981): हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक और कवि, जिन्हें उनकी कविता और कहानी के लिए सराहा गया।
3. फिराक गोरखपुरी (1896-1982): उर्दू कवि और साहित्यकार, जिनकी कविताएँ प्रेम और मानवता के विषयों पर आधारित हैं।
4. भीष्म साहनी (1915-2003): उपन्यासकार और नाटककार, जिन्होंने विभाजन और उसके प्रभावों पर कई महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं।
5. आचार्य रामचंद्र शुक्ल (1884-1941): साहित्य समीक्षक और हिंदी लेखक, जिन्होंने हिंदी साहित्य की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
6. सिद्धार्थशंकर त्रिपाठी (1930-1997): उपन्यासकार और कवि, जिन्होंने हिंदी साहित्य में नई धाराएँ स्थापित कीं।
1. रवींद्रनाथ ठाकुर (1861-1941): कवि, लेखक और संगीतकार, जिन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। उनकी प्रसिद्ध कृति "गितांजलि" है।
2. गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915): समाज सुधारक और राजनीतिक नेता, जिन्होंने समाज में सुधार के लिए कई लेखन किए।
3. जगन्नाथ दास (1869-1944): साहित्यकार और समाज सुधारक, जिन्होंने हिंदी और संस्कृत में अनेक काव्य रचनाएँ कीं।
4. मुल्कराज आनंद (1905-2004): हिंदी और अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, जिन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।
बीसवीं सदी के लेखक
1. प्रेमचंद (1880-1936): हिंदी और उर्दू के महान लेखक, जिन्हें "कृष्णा" और "गबन" जैसे उपन्यासों के लिए जाना जाता है।
2. सचिदानंद हीरानंद वात्स्यायन (गुलजार) (1906-1981): हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक और कवि, जिन्हें उनकी कविता और कहानी के लिए सराहा गया।
3. फिराक गोरखपुरी (1896-1982): उर्दू कवि और साहित्यकार, जिनकी कविताएँ प्रेम और मानवता के विषयों पर आधारित हैं।
4. भीष्म साहनी (1915-2003): उपन्यासकार और नाटककार, जिन्होंने विभाजन और उसके प्रभावों पर कई महत्वपूर्ण रचनाएँ कीं।
5. आचार्य रामचंद्र शुक्ल (1884-1941): साहित्य समीक्षक और हिंदी लेखक, जिन्होंने हिंदी साहित्य की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
6. सिद्धार्थशंकर त्रिपाठी (1930-1997): उपन्यासकार और कवि, जिन्होंने हिंदी साहित्य में नई धाराएँ स्थापित कीं।