दिल्ली गवर्नमेंट बंस क्रैकर्स अंटिल जनुअरी 1, 2025
Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
दिल्ली गवर्नमेंट बंस क्रैकर्स अंटिल जनुअरी 1, 2025
- Bina crackers ke maza nahi hai
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
- Posts: 942
- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
Re: दिल्ली गवर्नमेंट बंस क्रैकर्स अंटिल जनुअरी 1, 2025
दिल्ली में पटाखों पर नियामक लगाने का या पहले वर्ष नहीं होगा पिछले कई सालों से दिल्ली की सरकार मुझ पर पार्टी एडमिट कर सार्वजनिक जगहों पर पटाखे की बिक्री पर रोक लगाती है लेकिन इस दिल्ली के गरीब मोहल्ले में जाएंगे तो आप पाएंगे कि यहां पर पटाखे सरेआम बिकते हैं।
अगर आप आंकड़े भी देखेंगे तो पटाखे की बिक्री पर रोक लगाने के बाद से दिवाली के दिन विकेट कुछ वर्षों से प्रदूषण की मात्रा दिवाली के अगले दिन काफी संक्रामक रूप से भरी हुई दिखती है जो स्पष्ट रूप से बताती है की सरकार के सारे दावे खोखले हैं।
दिवाली पर पटाखे की रोक लगाना और पुलिस की मुनाफाखुरी करना जहां कुछ पैसे लेकर पटाखे की दुकानों को छूट दे देना और अपने मुंह मांगे दामों पर पटाखे को खरीदने के लिए आम जनता पर अतिरिक्त बोर्ड भी पड़ जाता है।
मुझे समझ में नहीं आता क्रिसमस और ईद के मौके पर पटाखों के बिक्री पर रोक क्यों नहीं रखती है जबकि हिंदुओं का यही करता त्यौहार है जिसे बहुत सारे महीना में एक लोटा त्यौहार भी कहा जा सकता है जहां विभिन्न देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है और पटाखे जलाकर हमें प्रकाश का पर्व भी मानते हैं।
अगर आप आंकड़े भी देखेंगे तो पटाखे की बिक्री पर रोक लगाने के बाद से दिवाली के दिन विकेट कुछ वर्षों से प्रदूषण की मात्रा दिवाली के अगले दिन काफी संक्रामक रूप से भरी हुई दिखती है जो स्पष्ट रूप से बताती है की सरकार के सारे दावे खोखले हैं।
दिवाली पर पटाखे की रोक लगाना और पुलिस की मुनाफाखुरी करना जहां कुछ पैसे लेकर पटाखे की दुकानों को छूट दे देना और अपने मुंह मांगे दामों पर पटाखे को खरीदने के लिए आम जनता पर अतिरिक्त बोर्ड भी पड़ जाता है।
मुझे समझ में नहीं आता क्रिसमस और ईद के मौके पर पटाखों के बिक्री पर रोक क्यों नहीं रखती है जबकि हिंदुओं का यही करता त्यौहार है जिसे बहुत सारे महीना में एक लोटा त्यौहार भी कहा जा सकता है जहां विभिन्न देवी देवताओं की पूजा भी की जाती है और पटाखे जलाकर हमें प्रकाश का पर्व भी मानते हैं।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"