तेरे बिना ये रातें लंबी लगती हैं,
तेरी यादों की परछाईं हर जगह चलती है।
जब से तू दूर है, हर लम्हा अधूरा है,
दिल की धड़कन भी जैसे तन्हा सा है।
तेरे साथ बिताए वो हंसते-खिलखिलाते पल,
अब बस यादों में ही बचे हैं, जैसे खोया सा कल।
हर सुबह की किरण में तेरा चेहरा नज़र आता है,
तेरे बिना ये दिल, हर खुशी से बेगाना सा है।
तेरे बिना ये सारा जहाँ सुनसान सा लगता है,
तू जो पास होता, तो हर ग़म भी आसान सा लगता है।
आ लौट आ, मेरे दिल की धड़कन बनकर,
तेरे बिना ये जीवन, जैसे कोई अधूरा सा सफर।
अकेले होना
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Re: अकेले होना
तेरे बिना घर भी सन्नाटा सा लगता है,
हर कोने में तेरा ही चेहरा नज़र आता है।
खिड़की से झांकूं तो आसमान भी उदास लगता है,
तेरे बिना ये जग बड़ा ही खाली-खाली लगता है।
हर पल तेरी यादें साथ निभाती हैं,
मगर तेरी अनुपस्थिति का दर्द सताती हैं।
कभी हँसता था मैं, कभी गाता था,
अब तो बस तेरी याद में ही बहाता हूँ।
हर कोने में तेरा ही चेहरा नज़र आता है।
खिड़की से झांकूं तो आसमान भी उदास लगता है,
तेरे बिना ये जग बड़ा ही खाली-खाली लगता है।
हर पल तेरी यादें साथ निभाती हैं,
मगर तेरी अनुपस्थिति का दर्द सताती हैं।
कभी हँसता था मैं, कभी गाता था,
अब तो बस तेरी याद में ही बहाता हूँ।
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Re: अकेले होना
अब अकेला नहीं होता मैं
तेरी यादें रहती है सदा साथ
कभी भूल नहीं पाता मैं
तेरी मधुर मुस्कान को
और तेरी मीठी बोल
जीवन दायिनी है तेरी यादें
मुझे अकेलापन
महसूस नहीं होने देतीं।
तेरी यादें रहती है सदा साथ
कभी भूल नहीं पाता मैं
तेरी मधुर मुस्कान को
और तेरी मीठी बोल
जीवन दायिनी है तेरी यादें
मुझे अकेलापन
महसूस नहीं होने देतीं।
Last edited by Bhaskar.Rajni on Fri Nov 22, 2024 2:37 pm, edited 1 time in total.
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Re: अकेले होना
अकेले में इंसान अक्सर अपने बीते हुए पलों को याद करता है। जो कुछ खुशनुमा थे और कुछ गमगीन थे.। कभी पुरानी यादों में चला जाता है कभी हंसते हुए पलों में चला जाता है। अकेले में अक्सर इंसान अपनों को बहुत याद करता है.। कुछ हुए गलत बीते हुए पलों को सही करने की कोशिश करता है। कभी-कभी अकेलापन मनुष्य को हसीन लम्हों की याद दिलाता है। और वह उन पलों को सोचकर अकेला होते हुए भी अकेला नहीं होता वह पल ही ऐसे होते हैं। अकेलेपन पर एक खूबसूरत गीत है जो मुझे बहुत पसंद है जो किशोर कुमार जी का गीत है। मेरे संग संग आया तेरी यादों का मेला।Bhaskar.Rajni wrote: Wed Nov 20, 2024 3:12 pm अब अकेला नहीं होता मैं
तेरी यादें रहती है सदा साथ
कभी भूल नहीं पता मैं
तेरी मधुर मुस्कान को
और तेरी मीठी बोल
जीवन दायिनी है तेरी यादें
मुझे अकेलापन
महसूस नहीं होने देतीं।
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Re: अकेले होना
सही कहा तुमने अकेले बैठकर इंसान को बीते हुए फलों की याद आ ही जाती है कुछ गमगीन और कुछ खुश कर देने वाले और कुछ पल जो बड़ी याद आते हैं वह जब हम तीनों मिलकर बड़ा हंसा करते थे और आजकल जब मैं अकेली हो जाती हूं तो वह वीडियो कॉल बाद याद आता है जो हम तीनों मिलकर किया करते थे क्या तुम दोनों मिलकर मुझे हंसते थे और एक दूसरे की शिकायतें लगते थे आजकल मैं उन लम्हों को बहुत मिस करती हूं।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 8:57 pmअकेले में इंसान अक्सर अपने बीते हुए पलों को याद करता है। जो कुछ खुशनुमा थे और कुछ गमगीन थे.। कभी पुरानी यादों में चला जाता है कभी हंसते हुए पलों में चला जाता है। अकेले में अक्सर इंसान अपनों को बहुत याद करता है.। कुछ हुए गलत बीते हुए पलों को सही करने की कोशिश करता है। कभी-कभी अकेलापन मनुष्य को हसीन लम्हों की याद दिलाता है। और वह उन पलों को सोचकर अकेला होते हुए भी अकेला नहीं होता वह पल ही ऐसे होते हैं। अकेलेपन पर एक खूबसूरत गीत है जो मुझे बहुत पसंद है जो किशोर कुमार जी का गीत है। मेरे संग संग आया तेरी यादों का मेला।Bhaskar.Rajni wrote: Wed Nov 20, 2024 3:12 pm अब अकेला नहीं होता मैं
तेरी यादें रहती है सदा साथ
कभी भूल नहीं पता मैं
तेरी मधुर मुस्कान को
और तेरी मीठी बोल
जीवन दायिनी है तेरी यादें
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Re: अकेले होना
क्या दी क्यों याद करती हो उन पलों को कभी ऐसे भी थे। एक वक्त के बाद सब साथ छोड़कर चले जाते हैं कोई नहीं होता पास शिवाय यादों के। संसार में इंसान अकेला आया था अकेला ही जाएगा। अकेला इंसान खूब खुश रहता है। ज्यादा मेल दिक्कत ही करता है। इसीलिए तो याद में देखो बना है यह हंसी ताजमहल गाना फेमस है। यादें कभी खट्टी है कभी मीठी हैं जिंदगी का अवतार चढ़ा है चलता रहता है।Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 12:38 pmसही कहा तुमने अकेले बैठकर इंसान को बीते हुए फलों की याद आ ही जाती है कुछ गमगीन और कुछ खुश कर देने वाले और कुछ पल जो बड़ी याद आते हैं वह जब हम तीनों मिलकर बड़ा हंसा करते थे और आजकल जब मैं अकेली हो जाती हूं तो वह वीडियो कॉल बाद याद आता है जो हम तीनों मिलकर किया करते थे क्या तुम दोनों मिलकर मुझे हंसते थे और एक दूसरे की शिकायतें लगते थे आजकल मैं उन लम्हों को बहुत मिस करती हूं।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 8:57 pmअकेले में इंसान अक्सर अपने बीते हुए पलों को याद करता है। जो कुछ खुशनुमा थे और कुछ गमगीन थे.। कभी पुरानी यादों में चला जाता है कभी हंसते हुए पलों में चला जाता है। अकेले में अक्सर इंसान अपनों को बहुत याद करता है.। कुछ हुए गलत बीते हुए पलों को सही करने की कोशिश करता है। कभी-कभी अकेलापन मनुष्य को हसीन लम्हों की याद दिलाता है। और वह उन पलों को सोचकर अकेला होते हुए भी अकेला नहीं होता वह पल ही ऐसे होते हैं। अकेलेपन पर एक खूबसूरत गीत है जो मुझे बहुत पसंद है जो किशोर कुमार जी का गीत है। मेरे संग संग आया तेरी यादों का मेला।Bhaskar.Rajni wrote: Wed Nov 20, 2024 3:12 pm अब अकेला नहीं होता मैं
तेरी यादें रहती है सदा साथ
कभी भूल नहीं पता मैं
तेरी मधुर मुस्कान को
और तेरी मीठी बोल
जीवन दायिनी है तेरी यादें
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Re: अकेले होना
हां तुम्हारी बातों में दर्शनिकता झलक रही है लेकिन अभी तो बहुत पीड़ा में हूं समय तो निकल जाता है लेकिन अपने पीछे दाग छूट जाता है जो परेशान करते हैं और मिटाये नहीं मिटते। काश दिमाग भी कंप्यूटर की तरह होता जो हम दिमाग में नहीं रखना चाहते उसे डिलीट कर सकते हैं और हमेशा के लिए डिलीट हो जाता और हम फिर से फ्रेश हो जाते हैं काश ऐसा होता।Sonal singh wrote: Thu Nov 21, 2024 5:00 pmक्या दी क्यों याद करती हो उन पलों को कभी ऐसे भी थे। एक वक्त के बाद सब साथ छोड़कर चले जाते हैं कोई नहीं होता पास शिवाय यादों के। संसार में इंसान अकेला आया था अकेला ही जाएगा। अकेला इंसान खूब खुश रहता है। ज्यादा मेल दिक्कत ही करता है। इसीलिए तो याद में देखो बना है यह हंसी ताजमहल गाना फेमस है। यादें कभी खट्टी है कभी मीठी हैं जिंदगी का अवतार चढ़ा है चलता रहता है।Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 12:38 pmसही कहा तुमने अकेले बैठकर इंसान को बीते हुए फलों की याद आ ही जाती है कुछ गमगीन और कुछ खुश कर देने वाले और कुछ पल जो बड़ी याद आते हैं वह जब हम तीनों मिलकर बड़ा हंसा करते थे और आजकल जब मैं अकेली हो जाती हूं तो वह वीडियो कॉल बाद याद आता है जो हम तीनों मिलकर किया करते थे क्या तुम दोनों मिलकर मुझे हंसते थे और एक दूसरे की शिकायतें लगते थे आजकल मैं उन लम्हों को बहुत मिस करती हूं।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 8:57 pm
अकेले में इंसान अक्सर अपने बीते हुए पलों को याद करता है। जो कुछ खुशनुमा थे और कुछ गमगीन थे.। कभी पुरानी यादों में चला जाता है कभी हंसते हुए पलों में चला जाता है। अकेले में अक्सर इंसान अपनों को बहुत याद करता है.। कुछ हुए गलत बीते हुए पलों को सही करने की कोशिश करता है। कभी-कभी अकेलापन मनुष्य को हसीन लम्हों की याद दिलाता है। और वह उन पलों को सोचकर अकेला होते हुए भी अकेला नहीं होता वह पल ही ऐसे होते हैं। अकेलेपन पर एक खूबसूरत गीत है जो मुझे बहुत पसंद है जो किशोर कुमार जी का गीत है। मेरे संग संग आया तेरी यादों का मेला।
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Re: अकेले होना
अकेले होना जीवन में बहुत ही खुशहाल रहता है अकेला इंसान आजादी के साथ रहता है अकेला इंसान मोह माया के जाल से बहुत अलग रहता है किंतु अकेला इंसान जब अपनी बात किसी के साथ शेयर नहीं कर सकता तो दुखी भी बहुत होता है यही जीवन का चक्र है जीवन में अकेला रहना उतना आसान नहीं होता है
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Re: अकेले होना
सुना है दार्शनिक अकेले रहते हैं और दर्शन शास्त्र के नए-नए अध्याय लिख देते हैं सोचती हूं कैसे आते होंगे उनके दिमाग में विचार?? कई बार सुना है कि कुछ समय के लिए अकेला रहना चाहिए......... मौन.......! क्या इंसान मौन रह पाता है???? दिमागी हलचल....... दिमागी उधेड़ बुन....... अतीत की यादें...... भविष्य की चिंता...... मन के सपने....... कहां रह पाता है इंसान अकेला...... भीड़ में भी तो अकेला ही होता है....... कई बार लोगों की भीड़ भी अकेला कर देती है....Sonal singh wrote: Thu Nov 21, 2024 10:18 pm अकेले होना जीवन में बहुत ही खुशहाल रहता है अकेला इंसान आजादी के साथ रहता है अकेला इंसान मोह माया के जाल से बहुत अलग रहता है किंतु अकेला इंसान जब अपनी बात किसी के साथ शेयर नहीं कर सकता तो दुखी भी बहुत होता है यही जीवन का चक्र है जीवन में अकेला रहना उतना आसान नहीं होता है